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प्रादेशिक

डॉ. लोहिया की पुण्यतिथि पर CM नीतीश कुमार ने दी श्रद्धांजलि

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नीतीश कुमार

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पटना। समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पटना के कंकड़बाग के लोहिया नगर स्थित लोहिया उद्यान में आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री ने डॉ. लोहिया को नमन कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का स्मरण करते हुए उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, सूचना प्रावैधिकी मंत्री मो. इसराईल मंसूरी, विधायक मुकेश कुमार रौशन, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, बिहार राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य नंद किशोर कुशवाहा सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी स्व. डॉ. राम मनोहर लोहिया की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

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इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों ने आरती-पूजन, बिहार गीत एवं भजन कीर्तन का गायन किया। कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया जी की पुण्यतिथि है। जब हम कॉलेज में छात्र थे, उस दौरान ही लोहिया जी का निधन हो गया था।

गांधी मैदान में जब उनका भाषण हुआ था तो हम छात्र रहते हुये इनकी बात सुनने आये थे। जब उनको पहली बार सुनने आये थे तो मुझे बड़ी खुशी हुयी थी। अखबारों में इनके बारे में पढ़ते रहते थे, उनके विचारों से हमलोग काफी प्रभावित रहे हैं। हमलोग गांधी जी, लोहिया जी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के विचारों को अपनाकर काम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

डॉ० राम मनोहर लोहिया का जन्म 1910 में हुआ था और उनकी मृत्यु 1967 में हो गयी थी। डॉ. लोहिया का निधन बहुत कम उम्र में हो गया था, इससे उस समय हम सभी को काफी पीड़ा हुयी थी। लोहिया जी के विचार जीवित हैं। हमलोग उनके विचारों को अपनाकर आगे बढ़ रहे हैं। हमलोग यहां उनके जन्मदिवस एवं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।

सैफई जाने के प्रश्न पर नीतीश कुमार ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी का निधन हो गया है, उनके परिवार से मिलने आज हम सैफई जा रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिये गये बयान के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग जिनका नाम ले रहे हैं, उनको लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी से कोई मतलब था क्या? ये लोग कब से राजनीति में आये हैं।

जिनकी राजनीति ही पिछले 20 सालों से शुरू हुयी है उनके बारे में क्या कहें। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी से इन लोगों का क्या संबंध था? जेपी मूवमेंट में हमलोगों ने किस तरह से भाग लिया और उनसे हमलोगों का किस तरह से लगाव था यह सब जानते हैं।

कल नागालैंड में हुये कार्यक्रम में शामिल होने से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नागालैंड में भी लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी को लोग बहुत मानते हैं। वर्ष 1964 से लेकर 1967 तक नागालैंड में लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी तीन साल रहे थे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का वहां के लोगों पर काफी प्रभाव है।

वहां के लोगों ने मुझे जेपी जयंती कार्यक्रम में आमंत्रित किया था जिसमें मैं वहां शामिल होने गया था। कार्यक्रम में कई लोगों ने अपनी बात रखी, हमने भी अपनी बात लोगों के बीच में रखी। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने जो वहां के लिये, बिहार के लिये और देश के लिये कार्य किये हैं उसके बारे में भी लोगों को जानकारी दी।

कार्यक्रम में महिलाओं के साथ-साथ काफी संख्या में लोग शामिल थे। जो बिहार के लोग वहां रहते हैं, वे भी उस कार्यक्रम में शामिल हुये थे। वहां कार्यक्रम का आयोजन अच्छे ढंग से हुआ, जिसको देखकर ऐसा लगा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के प्रति वहां के लोगों में काफी श्रद्धा का भाव है।

उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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