प्रादेशिक
धान क्रय करने वाली सभी संस्थाएं पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद करेंः सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद प्रक्रिया को पूरी तत्परता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। इसके दृष्टिगत धान खरीद में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीद किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देशित किया कि धान क्रय करने वाली सभी संस्थाएं पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद कार्य करें।
धान खरीद प्रक्रिया में कतई ढिलाई न बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धान क्रय केन्द्र समय से संचालित हों। किसानों को 72 घण्टे के अन्दर उनकी उपज का भुगतान हर हाल में कर दिया जाए। धान खरीद वर्ष 2021-22 में किसानों की सुविधा के लिए कई अभिनव पहल की गयी हैं। उन्होंने कृषकों को इन प्रयासों का पूरा लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपद के क्रय केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करें और धान खरीद कार्य का सुचारु संचालन सुनिश्चित कराएं। नोडल अधिकारी पूरी तरह सक्रिय रहें। मण्डलायुक्त अपने मण्डल के जनपदों के भ्रमण के दौरान धान क्रय केन्द्रों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें तथा वहां मौजूद किसानों से संवाद स्थापित करते हुए धान खरीद प्रक्रिया के सम्बन्ध में फीडबैक भी प्राप्त करें।
शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा धान क्रय प्रक्रिया की गहन मॉनीटरिंग की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को अनदेखी करने वालों की जवाबदेही तय करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
अधिकारियों द्वारा बैठक में अवगत कराया गया कि धान खरीद वर्ष 2021-22 मंे पिछले खरीद वर्ष की तुलना में अधिक संख्या में धान खरीद केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इस वर्ष प्रदेश में 4,370 धान क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जबकि गत वर्ष 4,231 खरीद केन्द्र स्थापित किये गये थे। अब तक 1461 करोड़ 09 लाख रुपए मूल्य के 7.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।
खरीद वर्ष 2021-22 में किसानों को अधिकतम लाभ उपलब्ध कराने के लिए अनेक नए प्रयास किये गये हैं। प्रदेश में पहली बार इस वर्ष ई-पॉप डिवाइस के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण द्वारा किसानों से धान की खरीद की जा रही है। क्रय केन्द्रों पर ई-पॉप डिवाइस पर लाभार्थी किसान तथा क्रय केन्द्र प्रभारी का अंगूठा लगाकर आधार प्रमाणीकरण कराते हुए खरीद की व्यवस्था की गयी है।
पहली बार धान के मूल्य का भुगतान किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खाते में पी0एफ0एम0एस0 से खाते सत्यापित कराते हुए कराया जा रहा है। अब तक किसानों को 808 करोड़ 56 लाख रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। किसानों के पंजीकरण में उनके आधार में अंकित नाम का खतौनी में अंकित नाम से मिलान कराते हुए सत्यापन कराया जा रहा है। धान खरीद की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन है। 100 कुन्तल तक की धान की उपज को राजस्व विभाग के सत्यापन से छूट प्रदान की गयी है।
राइस मिलों के ऑनलाइन पंजीकरण तथा सत्यापन की सम्पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। राइस मिलों की हलिंग क्षमता के अनुसार ही धान डिलीवरी कराने की ऑनलाइन व्यवस्था है। राइस मिल द्वारा धान की ऑनलाइन प्राप्ति अपनी डी0एस0सी0 के माध्यम से ही की जा रही है। धान की कुटाई के लिए अब तक 1,265 चावल मिलों के आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 1,063 चावल मिलों का सत्यापन पूर्ण हो गया है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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