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प्रादेशिक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने काशी में गढ़े विकास के नए आयाम

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वाराणसी। प्राचीन काल से ही काशी अपनी संस्कृति ,धर्म अध्यात्म और विरासत विश्व में मशहूर रही है। मगर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से समग्र विकास के पथ पर अग्रसर काशी एक बार फिर अपने नव्य-भव्य रूप के कारण दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार वाराणसी में पर्यटन विकास के लिए 171.30 करोड़ रुपए की लागत से 87 कार्य परियोजनाओं की पूर्ति पर फोकस कर रही है। इनमें से कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं जबकि कई मेगा प्रोजेक्ट्स का विभिन्न चरणों में विकास जारी है। पर्यटन विकास के नए कार्यो के जरिए काशी में पर्यटन उद्योग को नई गति भी मिल रही है। काशी के समग्र और सुव्यवस्थित विकास का ख़ाका खींच कर योगी सरकार काशी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर तेजी से ला रही है। पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि पिछले 10 सालों में 59.42 करोड़ रुपए की लागत से 37 पर्यटन के विकास कार्यो को कराया जा चुका है। जबकि 50 पर्यटन विकास के कार्य चल रहे है जिसकी लागत 111.88 करोड़ रुपए है।

59.42 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हुए प्रमुख पर्यटन विकास के कार्य

गलियों का शहर कहे जाने वाली काशी की गलियों का सौंदर्यीकरण को आधुनिक तरीके से विकसित किया गया है। घाटों का सौंदर्यीकरण कर श्रद्धालुओ के लिए सुविधाजनक बनाया गया है। मांर्कण्डेय महादेव मंदिर, सारंग नाथ तालाब, शूलटंकेश्वर मदिर गंगा घाट व अन्य मंदिरों और घाटों, पंचक्रोशी यात्रा समेत कई धार्मिक यात्राओं और मार्ग में पड़ने वाले मंदिरों का विकास व पुनर्रुद्धार कार्यों को पूर्ण कराया गया है। इसके अतिरिक्त, सारनाथ में लाइट एंड साउंड शो, बुद्धा थीम पार्क, संत शिरोमणि रविदास जी के जन्मस्थली पर जन सुविधा के कार्य, गुरुधाम मन्दिर, क्रूज़ बोट का संचालन, लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर पर्यटन सूचना केंद्र, नृसिंह मठ, संकुलधारा मठ, राजघाट पर चेंजिंग रूम, पिंडरा में माँ भद्रकाली मंदिर के सौंदर्यीकरण के कार्यों को भी पूर्ण किया गया है।

111.88 करोड़ रुपए की लागत से गतिमान प्रमुख पर्यटन विकास के कार्य

ओवरऑल टूरिज्म डेवलपमेंट के योजना के अंतर्गत काशी की चार धाम यात्रा, काशी विष्णु, द्वादश आदित्य यात्रा, नव दुर्गा, अष्ट भैरव, नव गौरी, विनायक, द्वादश ज्योतिर्लिंग के लिए पवनपथ का निर्माण कार्य तथा पंचक्रोशी यात्रा के पांच पड़ाव का पर्यटन विकास परियोजना के अंतर्गत कार्य जारी हैं। इसी प्रकार, रोहनिया, पिंडरा, शिवपुर आदि क्षेत्रो के ग्रामीण इलाकों में प्राचीन आस्था के केंद्र मंदिरों, तालाबों आदि का कार्य, रामनगर में शास्त्रीय घाट, जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु की जन्मस्थली चंद्रावती, सारनाथ के सारंग नाथ मंदिर का पर्यटन विकास, तथा मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम का पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण का कार्य भी जारी है। दूसरी ओर, पर्यटन आवास गृह परेड कोठी व रही पर्यटन आवास गृह का उच्चीकरण मनारी रोड पर सरफेस पार्किंग, संत रविदास पार्क सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार, तेलियाना घाट पर निषादराज की प्रतिमा, मांडवी कुंड व गणेश मंदिर, हेलीपैड आदि पर्यटन विकास के कई कार्य अंतिम चरण में हैं।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद

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महाकुम्भ नगर  से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।

आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल

संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।

महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी

यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।

डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ

इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।

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