प्रादेशिक
गन्ना किसानों के खातों में 1 लाख 44 हजार करोड़ का भुगतानः सीएम योगी
लखनऊ। घोटालों और कमीशनखोरी से पहचाने जाने वाले यूपी की छवि बदलने के लिए योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार किया है । भ्रष्टाचार और घोटालों के सफाए में तकनीक राज्य सरकार का सबसे बड़ा हथियार बनी। विभिन्न योजनाओं में करीब 3 लाख करोड़ रुपये डिजिटल भुगतान के आंकड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की इस बड़ी मुहिम के गवाह हैं।
राज्य की सत्ता संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टालरेंस नीति का ऐलान किया था। इसके तहत किसानों से लेकर गरीब,मजदूरों को मिलने वाली सहायता और स्कूल जाने वाले बच्चों के हिस्से तक हड़प जाने वाले बिचौलियों और कमीशनखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही सरकार ने तकनीक के इस्तेमाल से भविष्य में भ्रष्टाचार की गुंजाइश को भी खत्म करने पर जोर दिया।
अनाज खरीद मंडियों से बिचौलियों को बाहर करते हुए राज्य सरकार ने किसानों को एमएसपी के तहत 67000 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके खातों में किया। पिछली सरकारों में गन्ना किसानों का हक मारने वाले दलालों और कमीशनखोरों को दरकिनार करते हुए सरकार ने 144000 करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों के खातों में किया। पीएम किसान निधि योजना के तहत किसानों को 37000 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया है।
प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफार्म की जिम्मेदारी उनके अभिभावकों को सौंपते हुए उनके खातों में राज्य सरकार 1800 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान कर रही है। स्वच्छता मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए 50000 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया है।
कुछ साल पहले तक भ्रष्टाचार का पर्याय मानी जाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त किया गया।
सभी राशन दुकानों को ई पास मशीनों से लैस किया गया है। प्रदेश की सभी 79550 राशन दुकानों का डाटा डिजटलीकरण किया गया। खाद्यान्न के आवंटन गोदामों से उठान एवं वितरण की आनलाइन फीडिंग कराकर मानीटरिंग की व्यवस्था शुरू की गई है। यह सब उत्तर प्रदेश में पहली बार हुआ। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के किले को ध्वस्त करने के साथ ही भविष्य में दोबारा उसके पनपने की राह भी रोक दी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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