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प्रादेशिक

यूपीः नवंबर तक 100 फीसदी लोगों को कोरोना की पहली डोज देने का है लक्ष्‍य

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लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए नए सिरे से मजबूत रणनीति के तहत टीकाकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्‍होंने सोमवार को उच्‍चस्‍तरीय बैठक में अधिकारियों को प्रतिदिन लगने वाली टीके की पहली और दूसरी डोज को किसी भी हालत में बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

यूपी में टीके के लिए पात्र प्रदेशवासियों को जल्‍द से जल्‍द टीके का कवच देने के लिए अब एक नई रणनीति के तहत टीकाकरण किया जाएगा। सीएम ने अधिकारियों को गांवों में वैक्सीनेशन को तेज करने के साथ गांवों में शिफ्ट वाइस वैक्सीनेशन के कार्यों को तेज करने व स्कूल और कॉलेज में भी वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित कर अभियान को तेज करने के निर्देश जारी किए हैं।

प्रदेश में टीकाकरण को तेजी से बढ़ाने के लिए क्लस्टर मॉडल, स्‍कूल कॉलेजों में टीकाकरण कैंप, गांवों में अधिक बूथ, कोरोनारोधी टीकाकरण से कोई न छूटे, इसके लिए जिला संयुक्त अस्पताल में रात दस बजे तक टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक केंद्र पर रात दस बजे तक टीकाकरण कराए जाने के निर्णय से भी टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी।

नवंबर तक शत् प्रतिशत् लोगों को कोरोना की पहली डोज देने का है लक्ष्‍य

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार को तेजी से बढ़ाने के निर्देश देते हुए नवंबर के अंत तक शत् प्रतिशत् लोगों को कोरोना की पहली डोज देने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) यूपी के जीएम (टीकाकरण) डॉ मनोज शुक्‍ला ने बताया कि क्षेत्र में ही लोगों की सुविधानुसार टीकाकरण बूथ लगाए हैं जिनमें पहली और दूसरी डोज दी जा रही है।

14 करोड़ टीकाकरण करने वाला यूपी पहला राज्‍य

दूसरे देशों में एक बार फिर से बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच प्रदेशवासियों को टीका कवच देने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। टेस्टिंग और टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति को देखें तो यूपी पहले पायदान पर बना हुआ है। उत्‍तर प्रदेश ने देश के दूसरे प्रदेशों के मुकाबले अब तक सबसे अधिक टीकाकरण कर कीर्तिमान स्‍थापित किया है। अब तक यूपी में 14 करोड़ 03 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है जिसमें 10 करोड़ 19 लाख को पहली डोज और 03 करोड़ 83 लाख को दूसरी डोज दी जा चुकी है। बता दें कि टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 69 फीसदी से अधिक लोगों ने पहली डोज प्राप्त कर ली है।

17 जिलों में ही महज एक-एक संक्रमितों की हुई पुष्टि

प्रदेश के 46 जिलों में सोमवार को एक भी संक्रमित की पुष्टि नहीं हुई, जबकि 17 जिलों में एक-एक मरीज ही शेष हैं। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 21 हजार 614 सैम्पल की जांच में 71 जिलों में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया। चार जिलों में कुल 07 संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में सात संक्रमितों ने कोरोना को मात दी। प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 99 है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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