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प्रादेशिक

2306 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में वर्चुअल रूप से शामिल हुए सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सामूहिक विवाह के कार्यक्रम गरीब कल्याण के प्रति केन्द्र व प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं। कन्यादान इस संसार में सबसे बड़ा एवं पवित्र दान माना गया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां मान्यता रही है कि गांव की बेटी सबकी बेटी होती है। सामूहिक सहभागिता से सामाजिक समरसता में वृद्धि होती है। कन्यादान कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के मान-सम्मान में वृद्धि होती है तथा लोगों को आतिथ्य सत्कार का अवसर भी प्राप्त होता है।

मुख्यमंत्री जी ने आज जनपद गाजियाबाद के कमला नेहरू पार्क में जनपद गाजियाबाद, हापुड़ एवं जनपद बुलंदशहर के 2306 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में वर्चुअल रूप से सम्मिलित हुए। उन्होंने नव-विवाहित वर-वधुआंे को आशीर्वाद देते हुए, उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा आयोजित गरीब कन्याओं की शादी का यह अभिनव कार्यक्रम स्वागत योग्य है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में समाज में सर्वधर्म-समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना“ संचालित की जा रही है। इसके अन्तर्गत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के गरीब परिवारों की कन्याओं का उनके रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है।

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अब तक 01 लाख 75 हजार से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह सम्पन्न कराए हैं। सामूहिक विवाह के इन कार्यक्रमों द्वारा सामाजिक कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा पर कुठाराघात किया जा रहा है। साथ ही समाज में व्याप्त रूढ़ीवादी परंपराओं पर सामूहिक विवाह के यह कार्यक्रम अंकुश लगाने में कारगर सिद्ध हुए हैं। पूरा समाज इन कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता देता है। गरीब कन्याओं के विवाह का निमंत्रण देने के लिए हमारे जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी समाज में निकलते हैं। सभी के सहयोग से जब यह सामूहिक विवाह के कार्यक्रम सम्पन्न होते हैं तो गरीब व्यक्ति अपने आप को सक्षम एवं सामथ्र्यवान महसूस करते हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिसने गरीब की पीड़ा को सही से देखा है वही उनके सुख-दुख में सदा उनके साथ रहता है। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा जनकल्याण का बीड़ा उठाया गया है और श्रमिकों को शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हें लाभान्वित कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के संकल्प से देश के अंदर स्वाधीनता का लाभ समाज में अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने कोरोना कालखण्ड में लोगों के जीवन एवं जीविका को बचाया।

इस दौरान ‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’ के तहत समाज के गरीब लोगों तक निःशुल्क राशन पहुंचाने का कार्य प्रदेश सरकार ने किया। राज्य सरकार द्वारा दीपावली से लेकर होली, 2022 तक पात्र लोगों को निःशुल्क खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है, जिसमें राशन के अतिरिक्त 01 किलो खाद्य तेल, 01 किलो दाल, 01 किलो नमक और अन्त्योदय कार्ड धारकों को 01 किलो चीनी भी उपलब्ध करायी जाएगी। नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा से अब किसी भी जनपद या प्रदेश का नागरिक किसी अन्य जनपद या प्रदेश में राशन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन वैश्विक महामारी कोविड-19 को नियंत्रित करने का सर्वोत्तम उपाय है। प्रदेश सरकार ने अब तक 14 करोड़ से अधिक निःशुल्क वैक्सीन डोज लगाने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रम विभाग के माध्यम से 18 मण्डलों में 18 अटल आवासीय विद्यालय बनाए जा रहे हैं जहां श्रमिकों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, खेल एवं उनकी स्किल डेवलपमेंट का कार्य किया जाएगा। इन विद्यालयों से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्चों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है, जिससे वह उच्च शिक्षा, इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई कर पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कार्यदायी संस्थाओं, अधिकारियों को जनपद गाजियाबाद में निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं को निर्धारित समय अवधि में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में देश व प्रदेश लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ग के व्यक्ति का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों को आर्थिक मदद प्रदान की गयी। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी0के0 सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अतुल गर्ग सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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