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प्रादेशिक

आयुष्मान योजना में साढ़े तीन करोड़ श्रमिकों को शामिल किया जाएगा: सीएम योगी

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लखनऊ। सोनभद्र में प्राकृतिक संसाधनों का भंडार होने के बावजूद यह इलाका हमेशा पिछड़ा रहा। इसका कारण सपा सरकार में माफियाओं का राज था। जिससे पानी तक के लिए यहां की महिलाएं प्यासी रह जाती थीं। जो जिला बिजली उत्पादन में नम्बर वन था वह हमेशा अंधेरे में ही रहता था। लेकिन हमारी सरकार के आते ही यहां की दशा और दिशा बदली है। जहां एक तरफ साफ पानी के लिए नल योजना लागू की गई तो आज सोनभद्र में 500 करोड़ की लागत से बनने वाले 500 वेड वाले मेडिकल कालेज का शिलान्यास किया गया है। डबल इंजन की सरकार यहां के लोगों को हताश नहीं होने देगी। यह बातें सोनभद्र में जनविश्वास यात्रा के दौरान 514 करोड़ की 79 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोनभद्र और आसपास के जनपद में पेयजल का हमेशा संकट बना रहता था। अब हर घर में नल योजना लागू हो चुकी है। हमारा प्रयास है कि 2022 तक सोनभद्र के हर गांव में इस योजना को पहुंचाया जाए। यह पेयजल आरओ का पानी होगा इसमें नाले और नदी का पानी नहीं होगा। बंद बोतल के पानी से अगर इसकी तुलना करेंगे तो अन्य पानी से यह पानी ज्यादा साफ और स्वच्छ होगा। हमारी मंशा है कि अगले वर्षों तक इस योजना के रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि जब सरकार जनविश्वास पर खरी उतरती है तो जन विश्वास यात्रा का मजा दोगुना हो जाता है। पिछली सरकारों की अराजकता का जवाब देने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में मजदूर, श्रमिक, कुली, पल्लेदार और रेडी वाले वह चाहे पंजीकृत हो या न हों इन्हें 500 रुपये हमारी सरकार उपलब्ध कराने जा रही है। सरकार ने यह भी तय किया है कि विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन में अब दोगुना राशि मिलेगी। दिव्यांग लोगों को किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े इसके लिए उनकी पेंशन में पहले 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किया था लेकिन अब इसे फिर बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आशावर्कर, आंगनबाड़ी, एएनएम, ग्रामप्रधान, पंचायत सदस्यों ने कोरोना महामारी में अच्छा कार्य किया है। इनके मानदेय में भी बढ़ोत्तरी की गई है।

उन्होंने बताया कि अब उपचार के लिए आयुष्मान योजना के तहत छह करोड़ लोगों को सालाना पांच लाख रुपये की जो सहायता दी जा रही है। उसमें अब साढ़े तीन करोड़ श्रमिकों को भी जोड़ा जा रहा है। सरकार आने वाले समय में आशावर्कर, एएनएम, रसोइयां और स्ट्रीट वेंडर समेत अन्य लोगों को भी इस योजना से जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने सपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकार और हमारी सरकार में फर्क साफ है। 2017 के पहले पर्व और त्योहार नहीं मनाए जा सकते थे। पहले ही दंगे होना शुरू हो जाते थे। इस सोनभद्र में भी दंगे हुए थे। पिछली सरकार गरीबों का अनाज हड़पती थी हमारी सरकार फ्री राशन की डबल डोज दे रही है। पिछली सरकारों में भूमाफिया, खनन माफिया राज करते थे। हमारी सरकार में माफियाओं का राज नहीं चलने दिया गया इनकी जगह इस लोक में नहीं पर लोक में होगी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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