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मुख्य समाचार

सीएम योगी ने योजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर पिछली सरकारों पर बोला हमला

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर पिछली सरकारों का बिना नाम लिए जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि पहले आवास की जो योजना थी, उसमें 20 या 25 हजार बमुश्किल लाभार्थी को मिलता था। उसमें भी बंदरबांट होता था, लाभार्थी को पैसा नहीं मिल पाता था, वह लाभार्थी आधा ही पैसा पाता था। बाकी पैसा भ्रष्टाचारियों की जेब में जाता था और उन्हीं भ्रष्टाचारियों के जेब में, जिनके घरों से जेसीबी लगाकर पैसा निकाला जा रहा है। यह सब पैसा वहीं जाता था।

यह बातें उन्होंने मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इस दौरान उन्होंने 3,200 करोड़ रुपए से अधिक की नगरीय विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 58,903 लाभार्थियों को 500 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।

इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि जब अच्छी सरकार आती है, तकनीक के साथ योजनाओं को जोड़ती है, तो उसका लाभ बिना भेदभाव के प्रत्येक नागरिक को मिलता है। आज देख सकते हैं, यहां से बटन दबाया, अगर ढाई लाख किसी गरीब के खाते में जाना है, तो ढाई लाख उसके खाते में ही जाएगा, इधर-उधर नहीं जाएगा। 500 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के खाते में आज सीधे चला गया। उसमें कहीं रोक-टोक नहीं, कहीं कोई व्यवधान नहीं है। किसी प्रकार का सिफारिश भी नहीं है। यही होता है डबल इंजन की सरकार का लाभ।

पहले गांव हो या शहर सब अंधेरे में डूब जाते थे: सीएम
सीएम योगी ने कहा कि पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के गांव हो या शहर जैसे ही अंधेर होता था, सब अंधेरे में डूब जाते थे। लोगों के जीवन में अंधेरा छा गया था। लोग हताश-निराश हो गए थे, पलायन कर रहे थे। आज तो अनवरत बिजली मिल रही है। सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली उत्तर प्रदेश ने उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। प्रदेश में जिन क्षेत्रों में लटके हुए तार थे, उसको भी हमने विद्युतीकरण की योजना से जोड़ा है, जो नई बस्तियां बसीं, उनको बिजली के कनेक्शन देने की कार्यवाही की। मलीन बस्तियों के पुनरुद्धार की कार्यवाही की गई।

पहले गांव की सड़कें पैदल चलने लायक नहीं थीं, आज साफ-सुथरी, चौड़ी, अच्छी सड़कें हैं: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि अलग-अलग प्रकार की सुविधाएं अलग-अलग जगहों पर दी जा रही हैं और यह तभी संभव हो पाया है, जब डबल इंजन की सरकार एक जैसी सोच के साथ चलती है। डबल इंजन के साथ जब नगर निकाय जैसी संस्थाएं विकास की सोच के साथ आगे बढ़ती हैं, तो विकास और भी तीव्रता के साथ आगे बढ़ता हुआ दिखाई देता है। मुझे प्रसन्नता है कि पांच वर्ष में नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में काफी परिवर्तन होते हुए दिखाई देता है। पहले हम ग्रामीण क्षेत्र में जाते थे, तो गांव की सड़कें पैदल चलने लायक नहीं थीं। आज साफ-सुथरी, चौड़ी, अच्छी सड़कें हैं।

पांच साल पहले नगरों में कूड़े का ढेर करते थे स्वागत: योगी

सीएम योगी ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में आज देखने को लगता है कि वास्तव में कोई नगर या कस्बा है। आज से पांच साल पहले क्या स्थितियां हुआ करती थीं? नगर का मतलब?, आप नगर में जाइए, तो सबसे पहला दर्शन कूड़े के ढेर से होता था। जगह-जगह प्लास्टिक, अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था। जिस भी मोहल्ले में चले जाइए, पहला स्वागत गंदगी करती थी। बेतरतीब तरीके से चल रही वहां की व्यवस्था। यह सभी उस नगर की गंदगी को और उसके माध्यम से हम सबके जीवन स्तर को बताता था।

आज पूरी दुनिया पीएम मोदी का कायल: सीएम

उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं, जिन्होंने दो अक्तूबर 2014 को स्वस्थ भारत मिशन लागू किया और जब देश के प्रधानमंत्री खुद अपने हाथों में झाड़ू लेकर निकले थे, तो बहुत सारे लोग उस समय हंसे थे, लेकिन आज प्रधानमंत्री की उस दूरदर्शिता का पूरी दुनिया कायल है। पूरी दुनिया इस बात के लिए अभिनंदन करती है कि वास्तव में भारत को एक विजनरी लीडरशिप मिली है प्रधामंत्री मोदी के नेतृत्व में।

गरीबों का उत्थान हो रहा, तो नगरीय क्षेत्रों में भी जीवन बेहतर हो रहा: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में 45 लाख परिवारों को एक-एक आवास उपलब्ध कराए हैं। यह प्रधानमंत्री के उस विजन का परिणाम है, जो बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ हर गरीब को उपलब्ध कराना है। जहां एक ओर गरीब के उत्थान और उनके अभ्युदय का कार्यक्रम हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर नगरीय क्षेत्रों का जीवन भी आच्छादित हो, इसके लिए अमृत योजना के तहत हर घर नल की योजना पर काम हो रहा है। सीवर लाइन बिछाने का कार्य हो रहा है, एसटीपी का निर्माण हो रहा है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के माध्यम से नगरीय कूड़े के ढेर का निस्तारण करके ऊर्जा बनाने का कार्य हो रहा है और जो वेस्ट बचेगा उससे कंपोस्ट बनाकर खेतों या सब्जी उत्पादन में खाद का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए ईच्छा शक्ति होनी चाहिए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था, कहीं इलेक्ट्रिक बस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कहीं मेट्रो, रिंग रोड और रोपवे का निर्माण हो रहा है।

इन योजनाओं का भी हुआ लोकार्पण और शिलान्यास

● स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट रोड, स्मार्ट पार्किंग, कन्वेंशन सेंटर, हेल्थ कियोस्क, पार्कों का सौंदर्यीकरण और सिटी ब्रांडिंग
● अमृत मिशन के तहत प्रदेश के विभिन्न शहरों में उत्तर प्रदेश जल निगम की ओर से निर्मित पेयजल और सीवरेज की विभिन्न परियोजनाएं
● स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11 सौ पब्लिक टायलेट, कम्यूनिटी, पिंक टायलेट, नगर निगम आगरा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और 28 सॉलिड वेस्ट प्रासेसिंग प्लांट, 13 शहरों में लीगेसी बेस्ट रेमिडियेशन
● अयोध्या और मथुरा वृंदावन नगर निगम के कार्यालय भवन और गाजियाबाद नगर निगम की विभिन्न परियोजनाएं
● 651 स्थानीय निकायों में एक हजार फ्री वाई फाई जोन का शुभारंभ
● प्रदेश के सात शहरों मेरठ, आगरा, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर, मुरादाबाद में 75 इलेक्ट्रिक बसों का फ्लैग ऑफ किया। साथ ही बस चार्जिंग स्टेशन को भी हरी झंडी दिखाया

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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