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सबका साथ सबका विकास’ के नारे को चरित्रार्थ करती बीजेपी की पहली सूचीः सीएम योगी
लखनऊ। सपा और रालोद गठबंधन ने विधान सभा चुनाव के लिए जारी की अपनी पहली सूची से अपना चरित्र दर्शा दिया। वर्ष 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश को माफिया, गुंडो और अपराधियों के हवाले करके शासन चलाने वाली सपा ने एक बार फिर अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा ने इस बार रालोद से हाथ मिलाया है लेकिन जनता के लिए फिर अराजकता, गुंडागर्दी और माफियागिरी की इबारत लिख दी है।
समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकाल में दंगाइयों, अपराधियों से उत्तर प्रदेश को दहलाने के बाद फिर एक बार आगामी विधानसभा चुनावों में अपराधियों और दंगाइयों को टिकट बांटें हैं जो समाजवादी पार्टी के दोहरे चरित्र व नफरत की राजनीति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कैराना पलायन के जिम्मेदार लोग,मुजफ्फरनगर के दंगाइयों को टिकट देना,और पेशेवर हिस्ट्रीशीटर को टिकट देना समाजवादी पार्टी का चरित्र उजागर करता है।
बीजेपी की सूची ‘सामाजिक न्याय’ की प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा शनिवार को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। बीजेपी की पहली सूची ‘सामाजिक न्याय’ की प्रतीक है, लेकिन प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी की भी सूची देखी होगी जिसमें दंगाइयों, अपराधियों का बोलबाला है।
सपा की सूची में माफिया और अपराधियों का बोलबाला-योगी
समाजवादी पार्टी की चुनाव सूची में एक बार फिर माफिया और अपराधियों का बोलबाला है। लोनी विधान सभा से टिकट पाए मदन भैया की गिनती माफिया में होती है, यह शायद अखिलेश यादव और जयंत चौधरी भूल गए हैं। मदन भैया पर 1982 से लेकर 2021 तक 31 मुकदमे दर्ज हैं जिसमें हत्या के मामले भी हैं।
यूपी को साम्प्रदायिक आग में झोंकने को तैयार अखिलेश-योगी
उन्होंने कहा कि मुज़फ्फरनगर दंगों के बाद कैराना से हिंदू परिवारों के पलायन की याद दिलायी और कहा कि वहाँ से नाहिद हसन को टिकट देकर सपा ने अपने साम्प्रदायिक पक्ष को फिर सामने रखा है। नाहिद हसन पर शामली और सहारनपुर जिलों में 17 मामले दर्ज हैं। इसी तरह बुलंदशहर से टिकट पाए हाजी युनुस पर 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं। स्याना से लड़ने वाले दिलनवाज़ का इतिहास भी आपराधिक रहा है। सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को टिकट देकर अखिलेश ने स्पष्ट कर दिया है कि सपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक बार फिर साम्प्रदायिक आग में झोंकने को तैयार है।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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