प्रादेशिक
यूपी देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने को अग्रसर : सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होते हैं और दिखाई भी देते हैं। वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश देश की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है। कभी सभी कल्याणकारी योजनाओं में काफी पीछे रहने वाला यह प्रदेश आज देश की 44 योजनाओं में नम्बर एक है। यह दुनिया के लिए सबसे अच्छा निवेश और सुरक्षा का वातावरण देने वाला राज्य है। यह है नया और उभरता उत्तर प्रदेश अब देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
सीएम योगी बुधवार को जंगल कौड़िया के रसूलपुर चकिया में महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय का लोकार्पण व इस परिसर में स्थापित ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी की आदमकद कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद यहां आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2014 से बदलते भारत को और 2017 से बदलते उत्तर प्रदेश को सभी लोगों ने देखा है।
सबको बिना भेदभाव योजनाओं का लाभ मिल रहा है। आज अच्छी सड़कों और बिजली की सुविधा हर गांव तक है। पहले किसानों का धान क्रय नहीं होता था। औने पौने दाम पर बेचने की मजबूरी होती थी। पर, आज कई केंद्र बनाए गए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद होती है और पैसा सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सबको सुरक्षा का माहौल दिया। पहले पर्वों पर कर्फ्यू लग जाता था लेकिन आज कर्फ्यू तो दूर की बात है, कोरोना भी भाग गया है। नेकनीयती के साथ किए गए कार्य का अच्छा परिणाम आता है। इसमें ईश्वर भी साथ देते हैं।
बीजेपी सरकार ने खोला विकास का बंद रास्ता
सीएम योगी ने कहा कि पूर्व की सरकारों में बंद प्रदेश के विकास के रास्ते को 2017 में बीजेपी सरकार ने खोला। पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में सड़क, बिजली, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सबकुछ बदहाल था। गरीबों को राशन तक नहीं मिलता था। अब तो चौड़ी सड़कों का जाल बिछ गया है। सबको सुरक्षा की गारंटी है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र सुदृढ हुआ है। सबको पर्याप्त बिजली मिल रही है। गरीबो को मुफ्त राशन मिल रहा है।
स्वास्थ्य व शिक्षा का हब बना गोरखपुर
मुख्यमंत्री ने नए राजकीय महाविद्यालय के लिए क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए गोरखपुर में पिछले साढ़े चार साल में हुए विकास कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर स्वास्थ्य और शिक्षा का हब बन गया है। 2016 में यहां विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों एम्स मिला। अगले एक माह में इसका उद्घाटन होगा। 1990 में बंद खाद कारखाना अगले एक माह में बनकर तैयार हो जाएगा। किसानों को समय से खाद और नौजवानों को नौकरी मिलेगी। प्रधानमंत्री के हाथों इसका लोकार्पण कराया जाएगा। सीएम ने कहा कि गोरखपुर को आयुष विश्वविद्यालय, महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल, कैम्पियरगंज में आईटीआई, दो इंटर कालेज, सहजनवा में पॉलिटेक्निक आदि की सौगात मिली है। पिपराइच में चीनी मिल सल्फरलेस चीनी का उत्पादन कर रही है।
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन आज की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय में पहले सत्र में प्रवेश लेने वालों में बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक है। उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शुभ लक्षण है। बालिकाएं सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देती हैं इसलिए बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना आज की आवश्यकता है। नर्सिंग स्टाफ, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर में रूप में महिलाओं की सेवा भावना सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती में भी सरकार ने बालिकाओं को आगे बढ़ाया है। यूपी में 2017 तक तीन लाख के पुलिस बल में महज दस हजार महिलाएं थीं। चार साल में सरकार ने 20 हजार महिलाओं की नई भर्ती पुलिस बल में की। यह नारी सशक्तिकरण का अनुपम उदाहरण है।
1956 में ही बालिका महाविद्यालय की स्थापना कर दी थी गोरक्षपीठ ने
बालिका शिक्षा के प्रति गोरक्षपीठ के आत्मीय जुड़ाव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरक्षपीठ ने 1956 में ही गोरखपुर के पहले बालिका महाविद्यालय की स्थापना कर दी थी। इसे गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दान स्वरूप दे दिया गया। पचास के दशक में ही पीठ की तरफ से पहला इंटर कॉलेज खोल दिया गया था। वर्तमान में गोरक्षपीठ के प्रकल्प महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तरफ से चार दर्जन संस्थाओं से जुड़कर 50 हजार विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
धर्म का व्यावहारिक मर्म समझाया पीठ के आचार्यों ने
मुख्यमंत्री ने इस महाविद्यालय के लोकार्पण अवसर पर अपने पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को नमन करते हुए कहा कि गोरक्षपीठ की परंपरा केवल धर्म, अध्यात्म और उपासना विधि तक सीमित नहीं रही। लोक कल्याण के ध्येय से धर्म को व्यावहारिक जीवन मे जीने का कार्य और धर्म का व्यावहारिक मर्म समझाने का कार्य पीठ के आचार्यों ने किया।
जंगल कौड़िया से महंत अवेद्यनाथ का रहा आत्मीय संबंध
सीएम योगी ने कहा कि पूज्य महंत अवेद्यनाथ जी महाराज यहां से पांच बार विधायक और चार बार सांसद रहे। उनका जंगल कौड़िया से आत्मीय संबंध था। इस क्षेत्र का ऐसा विरला ही परिवार होगा जिससे ब्रह्मलीन महंत जी का आत्मीय जुड़ाव न रहा हो। उनके नाम पर बना यह महाविद्यालय इस क्षेत्र के समग्र विकास में नींव बनेगा।
नई प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को नई प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना होगा। इससे ही हम जीवन को सफल और उज्ज्वल बना सकते हैं। उन्होंने महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां शानदार आडिटोरियम और कुश्ती हाल भी है। यह क्षेत्र पहलवानों के लिए भी जाना जाता था। कुश्ती हाल इस दिशा में नई भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में देश को मिली सफलता पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सरकार ने ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को 2 करोड़ की पुरस्कार राशि का प्रावधान किया है।
योगी जी के नेतृत्व में बह रही विकास की गंगा: डिप्टी सीएम
समारोह में उपस्थित प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है। मुख्यमंत्री बनते ही उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने सबसे पहले इस महाविद्यालय के स्थापना की घोषणा की। अब तो यह जंगल कौड़िया मंगल कौड़िया बन रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी की शिक्षा की पहचान नकल उद्योग की थी लेकिन मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में अब नकलविहीन परीक्षा का यह सबसे बड़ा प्रदेश है। डिप्टी सीएम ने अब दस माह पूर्व ही प्रवेश से लेकर परिणाम तक सबकुक पूर्व घोषित है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने हर महाविद्यालय में प्लेसमेंट सेल बनाने का भी निर्देश दिया है ताकि युवाओं को रोजगार में दिक्कत नहीं आए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर असिस्टेंट प्रोफेसर को असोसिएट और असोसिएट को प्रोफेसर पदनाम देने का भी प्रस्ताव बनाया जा रहा है।
अब माफिया कहते हैं, योगी बाबा माफ करो
डिप्टी सीएम डॉ शर्मा ने कानून व्यवस्था में जबरदस्त सुधार पर मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि आज माफिया जेलों में हैं। उनकी अवैध संपत्तियों पर सरकार का बुलडोजर चलता है। जो माफिया जेल से बाहर आता है वह कहता है, योगी बाबा माफ करो।
कोरोनाकाल में ट्विटर-ट्विटर खेल रहे थे विपक्ष के नेता
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोनाकाल में जब विपक्ष के नेता अपने एसी कमरों से ट्विटर-ट्विटर खेल रहे थे, तब सीएम योगी जनता के बीच उनके कल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ा रहे थे। सीएम योगी के पिता बीमार हुए, दिवंगत हुए लेकिन उन्होंने इस दौरान भी प्रदेश की जनता के लिए दिनरात एक किए रखा। योगी जी मे जनता के लिए सर्वस्व अर्पित करने की भावना है।
पूरा हो रहा व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प : कटियार
समारोह में आभार ज्ञापन करते हुए उच्च शिक्षा विभाग की राज्यमंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार ने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प लिया था और यह संकल्प तेजी से पूरा हो रहा है। समारोह को गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल व कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने भी संबोधित किया। रविकिशन ने कहा कि आज योगी जी की अगुवाई में इतने विकास कार्य हुए हैं कि लाल, हरी, पीली, नीली टोपी पहनकर आने वाले नेता किस मुंह से वोट मांगेंगे। स्वागत संबोधन में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में 77 नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। राज्य में 51 लाख विद्यार्थी उच्च शिक्षा विभाग के संस्थानों में अध्ययनरत हैं। विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के लिए आज महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय के रूप में एक और नगीना जुड़ गया है।
ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए सीएम ने
कार्यक्रम में पहुंचते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वप्रथम ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ की 12 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने महंतश्री की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। प्रतिमा अनावरण में उनके साथ उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के मोनोग्राम का भी विमोचन किया।
महाविद्यालय लोकार्पण व प्रतिमा अनावरण समारोह में राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद, संतकबीरनगर के सांसद प्रवीण निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह, महापौर सीताराम जायसवाल, विधायकगण महेंद्र पाल सिंह, शीतल पांडेय, श्रीमती संगीता यादव, डॉ विमलेश पासवान, संत प्रसाद, मत्स्य निगम के चेयरमैन रामाकांत निषाद, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह,हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री पीके मल्ल, पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य विजय शंकर यादव, जंगल कौड़िया के ब्लॉक प्रमुख बृजेश यादव, पूर्व प्रमुख गोरख सिंह आदि की प्रमुख सहभागिता रही।
30.35 करोड़ रुपये से निर्मित महाविद्यालय में सभी सुविधाएं
30.35 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय सभी सुविधाओं से युक्त है। इसका शिलान्यास 21 मई 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। कार्यदायी संस्था उप्र. राजकीय निर्माण निगम ने जून 2019 में निर्माण कार्य प्रारंभ किया। महाविद्यालय में 14 क्लास रूम, 4 लैब, 1 लाइब्रेरी, 1 कम्प्यूटर रूम, 1 परीक्षा हाल, 1 प्राचार्य कक्ष, 3 फैकल्टी कक्ष व सभी तल पर प्रसाधन है। विभिन्न सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रमों के लिए 460 लोगों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम भी बनाया गया है। इसके अलावा 90 की क्षमता वाला बालक छात्रावास और 60 की क्षमता का बालिका छात्रावास भी है।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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