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प्रादेशिक

सीएम योगी ने किया “कंपोजिट गैस सिलेंडर” का लोकार्पण, पारदर्शी और 50 फीसदी होगा हल्का

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लखनऊ। भारी-भरकम रसोई गैस सिलेंडर की मुसीबत वाले दिन अब बीत गए। इंडियन ऑयल ने अब नया रसोई गैस सिलिंडर पेश किया है जो न केवल अभी के स्टील बॉडी वाले रसोई गैस सिलेंडर से न केवल 50 फीसदी हल्का और जंगरोधी है, बल्कि पारदर्शी होने के चलते बाहर से सिलेंडर में बची गैस भी देखी जा सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में इंडियन ऑयल के इस नए युग के पारदर्शी “कंपोजिट गैस सिलेंडर” का लोकार्पण किया।

इंडियन ऑयल को इस पहल के लिए को बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा, ” इस नवीनतम नए युग के कंपोजिट सिलेंडर से जनता को एक नया विकल्प मिलेगा। उन्होंने कहा कि फ़ाइबर से बना होने के कारण यह स्टील सिलेंडर की तुलना में करीब 50 फीसदी हल्का, सुविधाजनक एवं जंगरोधक है। पारदर्शी होने के कारण उपभोक्ता एलपीजी की मात्रा देखकर समय से रीफ़िल ऑर्डर भी कर सकेंगे। इसकी जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

इस अवसर पर इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक व राज्य प्रमुख डॉ. उत्तीय भट्टाचार्य ने पहला 10 किग्रा का कंपोजिट सिलेंडर मुख्यमंत्री को भेंट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इण्डेन कंपोजिट सिलेंडर , इंडियन ऑयल की एक नवीनतम एलपीजी पेशकश है, जोकि एक ब्लो-मोल्डेड इनर लाइनर से बनी एक तीन-परत निर्माण है , जो पॉलीमर फाइबर ग्लास की मिश्रित परत से ढका होता है और एक एचडीपीई बाहरी जैकेट से सुसज्जित होता है। लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में यह पारदर्शी फ़ाइबर युक्त सिलेंडर उपलब्ध हो गया है।

यह आकर्षक फ़ाइबर सिलेंडर ग्रहकों के घरों की शोभा भी बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि कंपोजिट सिलेंडर के 05 व 10 किग्रा के वेरिएंट क्रमशः ₹2150 एवं ₹3350 की सिक्योरिटी देकर प्राप्त किये जा सकेंगे। डॉ. उत्तीय ने सीएम को लखनऊ, वाराणसी एवं कानपुर बॉटलिंग प्लांट में कंपोजिट सिलेंडरों की उत्पादन क्षमता सहित अन्य तकनीकी जानकारियां भी दीं। लोकार्पण अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई, नवनीत सहगल, इंडियन ऑयल के महाप्रबंधक (एलपीजी) अरुण प्रसाद, मुख्य प्रबंधक (सीसी एवं प्लानिंग) संजीव कुमार त्रिपाठी, प्रमुख, लखनऊ इण्डेन मंडल कार्यालय से स्वर्ण सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक (सीसी एवं प्लानिंग) सर्वजीत सिंह तथा मुख्य प्रबंधक (एलपीजी) चन्दन कुमार की उपस्थिति रही।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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