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मार्च 2022 तक बुंदेलखंड में हर घर नल योजना होगी लागूः सीएम योगी
लखनऊ। प्रदेश में जलशक्ति विभाग बनने के बाद पिछले चार-पांच वर्षों में यह विश्वास का प्रतीक बन गया है। पहले सिंचाई विभाग का मतलब काम कम-खर्च ज्यादा और बेइमानी और भ्रष्टाचार का बोलबाला था। अब कार्य पद्धित पूरी तरह बदल चुकी है। ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल रोका गया।
ये बातें सीएम योगी ने 5214 करोड़ की 17 सिंचाई, 175 बाढ़ नियंत्रण और 11 पम्प नहर व नलकूप परियोजानाओं का लोकार्पण और 585 करोड़ की एक सिंचाई, 20 बाढ़ नियंत्रण और 03 पम्प नहर व नलकूप परियोजनाओं का शिलान्यास के मौके पर कहीं।
उन्होंने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार बनी थी तब प्रदेश की तस्वीर कुछ और थी। दशकों से सिंचाई परियोजनाएं लम्बित पड़ी थीं। हमारी सरकार बनने के बाद बाण सागर परियोजना पूरी हुई। इस परियोजना का शिलान्यास 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने किया था। यह परियोजना 38 वर्षों तक कछुए की चाल से चलती रही। इसे हमने दो वर्षों में पूरा किया। बुंदेलखंड से जुड़ी एक दर्जन परियोजनाओं का हाल भी यही था। हाल ही में अर्जुन सहायक और उससे जुड़ी परियोजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री ने महोबा में किया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जनपदों को जोड़ने वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को 1972 में बनी थी। जब परियोजना समय से नहीं आगे बढ़ती तो उसकी लागत बढ़ती है और इसका लाभ आमजन को नहीं मिलता। जब सरयू नहर परियोजना बनी थी तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपये थी और जब इसे हमने पूरा किया तो इसकी लागत 9800 करोड़ रुपये हो गई थी। इससे परियोजना की लागत 9700 करोड़ बढ़ गई। यह उन लोगों के पाप का परिणाम है, जिन्होंने समय से आमजन के जीवन में परिवर्तन लाने वाली परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया और विभाग बदनाम हुआ। हमने परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया। इसका परिणाम यह हुआ साढ़े चार वर्ष में 16.5 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा मिल गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार आई तो बाढ़ सबसे बड़ी चुनौती थी। बारिश औसत होती थी पर बाढ़ के कारण व्यापक जनधन की हानि हो रही थी। उन्होंने कहा कि मैंने विभाग को सुझाव दिया कि ड्रेजिंग करके नदियों को चैनलाइज करेंगे तो बाढ़ से राहत मिल सकती है, जिसका परिणाम यह हुआ कि कम पैसा खर्च करके अच्छे परिणाम मिले। 2018 में भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ आई थी। प्रदेश के 40 जनपद बाढ़ के प्रति अति संवेदनशील और संवेदनशील थे। बस्ती के पास कुछ गांव सरयू नदी के एकदम मुहाने पर थे, लेकिन ड्रेजिंग करके नदी को डायवर्ट किया गया और गांव सुरक्षित हो गए। थोड़े प्रयास के इस समस्या का समाधान हो सकता है। जिस राज्य में 38 से 40 जनपद बाढ़ से प्रभावित होते थे, उसे कम करके 4-5 जनपदों तक सीमित कर दिया गया। इस समस्या का पूर्ण समाधान हो सकता है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर समय से लागू करना होगा।
प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में निर्बाध और पर्याप्त बिजली देकर ट्यूबवेल लगाए गए हैं। अब प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पैनल लग रहे हैं। गांव के हर ट्यूबवेल को फ्री में सिंचाई के जल उपलब्ध करायेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जल संसाधन विभाग ने पांच नदियों को जोड़ने वाली सरयू नहर परियोजना को पूरा किया है। अब 45000 करोड़ की केन-बेतावा नदी को जोड़ने की परियोजना आने वाली है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की एक ही समस्या थी, वहां पानी नहीं है। एक व्यवस्थित कार्ययोजना न होने के कारण बुंदेलखंड से सूखाग्रस्त था और पलायन होता था, लेकिन आज वहां कई परियोजना को लागू किया गया है। साथ ही केन-बेतवा परियोजना पूरी होने के बाद बुंदेलखंड के सूखे की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा मार्च 2022 तक बुंदेलखंड में हर घर नल योजना लागू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड की सिंचाई की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा।
हम बाढ़ आने के पहले बाढ़ नियंत्रण का उपाय करते हैं लेकिन पहले बाढ़ आने के बाद उपाय होते थे- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बाढ़ आने के पहले बाढ़ नियंत्रण का उपाय करते हैं लेकिन पहले बाढ़ आने के बाद उपाय होते थे, जिससे जनधन की हानि होती थी। उन्होंने कहा कि विभाग को हर हाल में 15 मई तक बाढ़ नियंत्रण के उपाय कर लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विभाग को सुझाव दिया कि नदियों की ड्रेजिंग करने से पर्याप्त मात्रा में सिल्ट निकलती है। अगर सही ढंग से आक्शन कर लें तो उसी पैसे से ये काम हो सकता है।
उत्तर प्रदेश
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।
रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ
डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।
गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद
उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान
उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”
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