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आध्यात्म

खिचड़ी मेले की हर व्यवस्था पर सीएम योगी की नजर, गोरक्षपीठाधीश्वर ने डाला डेरा

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CM Yogi on Khichdi fair

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर लगने वाले विश्व प्रसिद्ध खिचड़ी मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा व सहूलियत सुनिश्चित कराने के लिए गोरक्षपीठ में डेरा डाल दिया है।

मकर संक्रांति पर होने वाले पारंपरिक रूप से विशिष्ट, दिव्य व भव्य आस्था की खिचड़ी निवेदन पर्व को लेकर मंदिर तथा मेला परिसर की हर व्यवस्था पर वह लगातार नजर बनाए हुए हैं। श्रद्धालुओं के प्रति मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर की संवेदनशीलता को इसी से समझा जा सकता है कि बीते चार दिन में वह दूसरी बार रात्रिकालीन निरीक्षण पर निकले।

शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन पूजन करने तथा अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेकने के बाद निषाद पार्टी के संकल्प दिवस समारोह तथा गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

शाम को मंदिर वापस लौटने के बाद से ही वह खिचड़ी मेले की तैयारियों की जानकारी लेने तथा यथोचित निर्देश देने में जुट गए। चूंकि श्रद्धालुओं का रेला बाबा गोरखनाथ की पावन तपोभूमि पर अभी से आने लगा है, इसलिए तैयारियों को अंतिम रूप देने के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने रात्रिकालीन निरीक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री ने खोया-पाया केंद्र, अस्थायी चिकित्सालय व अन्य शिविरों की गहन पड़ताल की। निर्देशित किया कि चिकित्सालय व अन्य उपलब्ध सभी सुविधाओं की जानकारी का अधिकाधिक प्रसार किया जाए। उन्होंने समूचे मंदिर व मेला परिसर में साफ सफाई, सुरक्षा व अन्य सभी सुविधाओं को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए। कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए रैन बसेरों में बेहतरीन व्यवस्था होनी चाहिए।

श्रद्धालुओं से मिले सीएम योगी, बच्चों को दुलारा

गोरखनाथ मंदिर परिसर में रात्रिकालीन निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से भी मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। खिचड़ी चढ़ाने के लिए अन्य जनपदों से आए श्रद्धालुओं से उन्होंने रुकने की व्यवस्था के बारे में पूछा। सबने बताया कि जिला व मंदिर प्रशासन की ओर से उनके लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ श्रद्धालुओं के साथ आए उनके बच्चों को पास बुलाकर दुलारा और उन्हें आशीर्वाद दिया। बच्चों की पढ़ाई के बारे में पूछकर खूब पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

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महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

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