Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

सीएम योगी ने 15-18 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए पीएम मोदी का जताया आभार

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से 16 जनवरी, 2021 से देश में इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के सुरक्षा कवच के रूप में वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ था। आज 15 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन अभियान प्रारम्भ हो गया है। 15 से 18 वर्ष के प्रत्येक बच्चे के लिए निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने राज्य सरकार की ओर से प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री जी ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने हेतु वैक्सीनेशन वाले दिन तथा अगले दिन इन बच्चों को विद्यालय से अवकाश अनुमन्य किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री जी आज प्रदेश में 15 से 18 वर्ष आयु के किशोर बच्चों के कोविड टीकाकरण के शुभारम्भ के अवसर पर डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय में वैक्सीनेशन सेन्टर के निरीक्षण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने टीकाकरण के लिए आये बच्चों से संवाद किया तथा टीकाकरण केन्द्र की व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने अधिकारियांे को टीकाकरण कार्य भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुरूप संचालित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों की संख्या लगभग 01 करोड़ 40 लाख है। इन्हें एक समय सीमा के अन्दर टीकाकरण से आच्छादित करना है। इन बच्चों को कोवैक्सीन दिये जाने का सुझाव दिया गया है। इस आयु वर्ग के लिए आज से प्रदेश में 2,150 बूथ पर टीकाकरण की कार्यवाही प्रारम्भ हुई है। राजधानी लखनऊ के 39 सेन्टर्स पर 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन दी जा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के तहत प्रदेश में अब तक 20 करोड़ 25 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। 12 करोड़ 84 लाख 94 हजार 516 लोगों ने टीके की पहली डोज तथा 07 करोड़ 40 लाख 93 हजार 819 लोगों ने दोनों डोज ले ली हैं। नए वैरिएंट ओमीक्रोन को संक्रमण की तीसरी लहर का कारण बनने की आशंका व्यक्त की जा रही है। यह सच है कि ओमीक्रोन तीव्र संक्रमण है, लेकिन यह भी सच है कि सेकेण्ड वेव की तुलना में यह वैरिएंट काफी कमजोर है। यह मात्र एक सामान्य वायरल फीवर है। किसी भी बीमारी में सतर्कता और सावधानी आवश्यक होती है। इस मामले मंे भी सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है। घबराने की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मार्च-अप्रैल, 2021 में प्रदेश में डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण में यह देखा गया था कि जो लोग इससे संक्रमित होते थे उन्हें रिकवर होने व निगेटिव आने में 15 से 25 दिन का समय लग जाता था। इसमें बहुत अधिक पोस्ट कोविड कॉम्प्लीकेशन्स देखने को मिले थे। ओमीक्रोन के मामले में अब तक इस प्रकार की स्थिति नहीं है। वायरस अब कमजोर पड़ चुका है। फिर भी कोमॉर्बिड लोगों को इस दृष्टि से बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बीमारी से जितना भी सावधान और सतर्क रहा जाए, वह बचाव का सर्वोत्तम उपाय है। प्रदेश सरकार इस दिशा में भारत सरकार के साथ लगातार सम्पर्क और संवाद बनाए हुए है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभाग सम्मिलित रूप से एक बड़े अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे पास पर्याप्त संख्या में बेड्स हैं, वैक्सीन भी उपलब्ध है। प्रदेश 04 लाख कोरोना टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता वर्तमान में रखता है। प्रदेश सरकार हर प्रकार से कोरोना नियंत्रण के प्रति पूरी तरह सजग है और सतर्क है।

मुख्मयंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अब तक ओमीक्रोन के 08 मामले आए हैं, जिसमें से 03 मामले पहले ही निगेटिव हो चुके हैं। शेष होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में वर्तमान में कोविड-19 के कुल 2,261 एक्टिव केस हैं। इनमें 2,100 से अधिक होम आइसोलेशन में हैं। होम आइसोलेशन में इतने मामले होना यह दिखाता है कि वायरस कमजोर पड़ चुका है। अब उसका उतना प्रभाव नहीं है। लेकिन हमें सतर्कता और सावधानी बरतनी होगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सतर्कता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ एकत्र न हो तथा कोरोना के प्रति जागरूकता सृजन के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश में तथा भारत ने विश्व में कोविड प्रबन्धन में काफी सफलता प्राप्त की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कोरोना के खिलाफ 25 मार्च, 2020 से प्रारम्भ हुई देश की लड़ाई अब यह निर्णायक स्थिति मंे पहुंच रही है। हम सभी शीघ्र देखेंगे कि कोविड पूरी तरह समाप्त होगा और प्रत्येक व्यक्ति को इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से पूरी तरह मुक्त होने का अवसर प्राप्त होगा।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

Published

on

Loading

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

Continue Reading

Trending