Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी का निर्देश, प्रमुख मार्गों से जोड़े जाएंगे उप्र के धार्मिक स्थल

Published

on

Safe and Clean Chhath

Loading

शासन की ओर से जारी की गई 5.45 करोड़ रुपए की राशि

लखनऊ। एक्सप्रेसवे अब उप्र की नई पहचान बन चुके हैं। प्रदेश सरकार एक्सप्रेसवे के साथ-साथ राजमार्गों एवं अन्य प्रमुख मार्गों को भी रफ्तार देने का काम तेजी से कर रही है। उप्र के महत्वपूर्ण राजमार्गों, सेतुओं और मार्गों पर प्रवेश द्वार की स्थापना एवं अन्य सौंदर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 5.45 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।

यह राशि लोक निर्माण विभाग को चालू 14 कार्यों के लिए जारी की गई है। खास बात ये है कि इसके तहत प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ा जाए। गौरतलब है कि बीते 5 साल में योगी सरकार ने प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए थे।

उपेक्षित धार्मिक स्थलों को मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग बीते कई दिनों से प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ने के लिए काम कर रहा है। वित्त विभाग द्वारा जारी इस राशि से इस काम में भी तेजी आने के आसार है।

प्रमुख मार्गों का हो रहा चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण

इनमें से बहुत सारे वो धार्मिक स्थल हैं, जो पहले की सरकारों की अनदेखी के चलते जीर्ण क्षीण अवस्था में थे लेकिन योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रमुख धार्मिक स्थलों के साथ-साथ उपेक्षित इन धार्मिक स्थलों पर के नवीनीकरण पर भी ध्यान दिया है।

कानपुर, सोनभद्र, आगरा, वाराणसी, बलिया, लखनऊ, चंदौली, सिद्धार्थ नगर, सहारनपुर और चित्रकूट जैसे जनपदों में कई धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें प्रमुख मार्गों से जोड़ा जाना है। इसके लिए प्रदेश के वित्त विभाग की ओर से 5 करोड़ 45 लाख और 10 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

इससे पहले भी जुलाई में 32 चालू कार्यों हेतु 19 करोड़ 57 लाख 44 हजार की धनराशि का आवंटन किया गया था। इन 32 चालू कार्यों में जनपद अलीगढ़, पीलीभीत, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी तथा प्रयागराज के कार्य शामिल हैं।

मार्गों पर बनेंगे प्रवेश द्वार

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश में धन आवंटन की जानकारी दी गई है। इसके तहत, प्रदेश में कई जनपदों में मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण होगा, जबकि कई मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का भी काम किया जाएगा। प्रदेश सरकार कई राजमार्गों का भी चौड़ीकरण करा रही है। राजमार्गों पर तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ी है, जिसके चलते रफ्तार में कमी आई है।

योगी सरकार इन राजमार्गों पर वाहनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कार्यरत है। इसके लिए राजमार्गों पर कई ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं, चौड़ीकरण के लिए समीप की भूमि का अधिग्रहण हो रहा है व अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

Published

on

Loading

लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

Continue Reading

Trending