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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी का निर्देश, प्रमुख मार्गों से जोड़े जाएंगे उप्र के धार्मिक स्थल

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शासन की ओर से जारी की गई 5.45 करोड़ रुपए की राशि

लखनऊ। एक्सप्रेसवे अब उप्र की नई पहचान बन चुके हैं। प्रदेश सरकार एक्सप्रेसवे के साथ-साथ राजमार्गों एवं अन्य प्रमुख मार्गों को भी रफ्तार देने का काम तेजी से कर रही है। उप्र के महत्वपूर्ण राजमार्गों, सेतुओं और मार्गों पर प्रवेश द्वार की स्थापना एवं अन्य सौंदर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 5.45 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।

यह राशि लोक निर्माण विभाग को चालू 14 कार्यों के लिए जारी की गई है। खास बात ये है कि इसके तहत प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ा जाए। गौरतलब है कि बीते 5 साल में योगी सरकार ने प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए थे।

उपेक्षित धार्मिक स्थलों को मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग बीते कई दिनों से प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ने के लिए काम कर रहा है। वित्त विभाग द्वारा जारी इस राशि से इस काम में भी तेजी आने के आसार है।

प्रमुख मार्गों का हो रहा चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण

इनमें से बहुत सारे वो धार्मिक स्थल हैं, जो पहले की सरकारों की अनदेखी के चलते जीर्ण क्षीण अवस्था में थे लेकिन योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रमुख धार्मिक स्थलों के साथ-साथ उपेक्षित इन धार्मिक स्थलों पर के नवीनीकरण पर भी ध्यान दिया है।

कानपुर, सोनभद्र, आगरा, वाराणसी, बलिया, लखनऊ, चंदौली, सिद्धार्थ नगर, सहारनपुर और चित्रकूट जैसे जनपदों में कई धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें प्रमुख मार्गों से जोड़ा जाना है। इसके लिए प्रदेश के वित्त विभाग की ओर से 5 करोड़ 45 लाख और 10 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

इससे पहले भी जुलाई में 32 चालू कार्यों हेतु 19 करोड़ 57 लाख 44 हजार की धनराशि का आवंटन किया गया था। इन 32 चालू कार्यों में जनपद अलीगढ़, पीलीभीत, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी तथा प्रयागराज के कार्य शामिल हैं।

मार्गों पर बनेंगे प्रवेश द्वार

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश में धन आवंटन की जानकारी दी गई है। इसके तहत, प्रदेश में कई जनपदों में मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण होगा, जबकि कई मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का भी काम किया जाएगा। प्रदेश सरकार कई राजमार्गों का भी चौड़ीकरण करा रही है। राजमार्गों पर तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ी है, जिसके चलते रफ्तार में कमी आई है।

योगी सरकार इन राजमार्गों पर वाहनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कार्यरत है। इसके लिए राजमार्गों पर कई ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं, चौड़ीकरण के लिए समीप की भूमि का अधिग्रहण हो रहा है व अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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