Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

राष्ट्रमंडल खेलों का भव्य आगाज़ आज, महिलाओं के हिस्से में होंगे अधिक गोल्ड मैडल

Published

on

Loading

लंदन। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आज की शुरुआत हो रही है। भारतीय समयानुसार रात 11:30 बजे भव्य उद्घाटन समारोह के साथ इस इवेंट की शुरुआत होगी। यह खेल आठ अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 283 अलग-अलग मेडल इवेंट शामिल हैं। इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में 72 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इन खेलों के लिए लगभग 6,500 एथलीट और सपोर्ट स्टाफ बर्मिंघम पहुंचे हैं। राष्ट्रमंडल खेल में पहली बार महिला टी-20 किक्रेट को शामिल किया गया है।

1930 में शुरु हुए राष्ट्रमंडल खेलों का यह 22वां संस्करण है। पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के शहर हैमिलटन में हुआ था। 1930 में 11 देशों के लगभग 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। एथलीट्स ने तब छह खेलों के 59 इवेंट्स में अपना दमखम दिखाया था। 1930 के बाद से हर चार साल पर इसका आयोजन होता रहा है।

हालांकि, द्वितीय विश्व-युद्ध के कारण 1942 और 1946 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं हो सका था। भारत 18वीं बार इन खेलों का हिस्सा बन रहा है। भारत ने अब तक इन खेलों में 181 स्वर्ण, 173 रजत और 149 कांस्य पदक जीते हैं।

भारत 2002 मैनचेस्टर खेलों से लगातार हर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल करने के मामले में शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा है। इस दौरान बीस वर्षों में उसने 131 स्वर्ण सहित 350 पदक जीते हैं। इस सदी में भारत की सफलता में बड़ा योगदान निशानेबाजों का रहा है। इस बार इन खेलों में निशानेबाजी शामिल नहीं है, ऐसे में शीर्ष पांच में आना भारत के लिए बड़ी चुनौती होगी।

इंग्लैंड तीसरी बार मेजबान

एलेक्जेंडर स्टेडियम में आज होने वाले उद्घाटन समारोह के साथ 11 दिन चलने वाले इन खेलों का शुभारंभ होगा। इंग्लैंड पिछले 20 वर्षों में तीसरी बार इन खेलों का आयोजन कर रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों में आबादी के लिहाज से सबसे बड़े देश भारत के लिए ये खेल पदक बटोरने के लिहाज से काफी लाभप्रद साबित होते आ रहे हैं।

महिला वर्ग में 136 तो पुरुष वर्ग में 134 स्वर्ण दांव पर

इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में कुछ नया होगा। पहली बार ऐसे किसी आयोजनों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक स्वर्ण पदक मिलेंगे। इस बार 11 दिन तक चलने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं को 136 स्वर्ण पदक, जबकि पुरुषों को 134 स्वर्ण पदक मिलेंगे।  मिश्रित स्पर्धाओं में कुल 10 स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे।

इस तरह की कई खेल वाली प्रतियोगिता में पहली बार ऐसा होगा कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक स्वर्ण पदक हासिल करने का मौका मिलेगा। इस बार राष्ट्रमंडल खेलों का आकर्षण महिला क्रिकेट भी होगा, जिसे पहली बार इन खेलों में शामिल किया गया है।

क्रिकेट में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भारत भी दावेदारों में शामिल है। भारतीय टीम पिछले टी-20 विश्व कप में उपविजेता रही थी।

कॉमनवेल्थ गेम्स के कई बार नाम बदले

1930 से 1950 तक इन खेलों को ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था। 1954 से 1966 तक ब्रिटिश एम्पायर एंड कॉमनवेल्थ गेम्स कहा गया। 1970 और 1974 में इसका नाम बदलकर ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स किया गया। 1978 में जाकर इन खेलों का नाम राष्ट्रमंडल खेल यानी कॉमनवेल्थ गेम्स पड़ा। तब से लेकर आज तक यह इसी नाम से जाना जाता रहा है।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को PF में धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने कर्मचारियों के खातों से प्रोविडेंट फंड यानी PF का पैसा तो काट लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया। जिसके कारण से लगभग 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। इसी वजह से 4 दिसंबर को उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन्हें पूरे पैसे जमा करने के लिए 27 दिसंबर तक का समय भी दिया गया। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इससे पहले ही उथप्पा की तरफ से बयान सामने आया है।

रॉबिन उथप्पा ने कंपनियों को उधार दिए थे पैसे

रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे खिलाफ PF मामले की हाल की खबरों सामने आने के बाद, मैं स्ट्रॉबरी लेंसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के बारे में अपनी भागीदारी के बारे में बताना चाहता हूं। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। क्योंकि कर्ज के तौर पर मैंने इन कंपनियों को पैसे दिए थे। मेरे पास सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कमेंटेटर के रूप में काम को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। आज तक जिन अन्य कंपनियों को मैंने कर्ज दिया है। उनमें भी कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।

 

 

 

 

 

 

 

 

ऊपर से ये कंपनिया मेरे द्वारा दिए गए उधार को चुकाने में असफल रही हैं। जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी। कई साल पहले मैंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग की, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि इसमें मेरी कोई भी भूमिका नहीं है। इसके बाद कार्यवाही जारी है। मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे तथ्य पेश करें।

Continue Reading

Trending