छत्तीसगढ़
कांग्रेस महाधिवेशन में प्रस्ताव पारित, विपक्षी गठबंधन हेतु कोई भी कुर्बानी देने को तैयार
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संपन्न हुए कांग्रेस पार्टी के 85वें महाधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में विपक्षी एकता की तत्काल जरूरत को देखते हुए समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने के लिए पूरी ताकत झोंकने की घोषणा की गई है।
कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की ताल ठोकते हुए तीसरा मोर्चा बनाने की पहल करने वाले दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि 2024 में तीसरी ताकत की कोई पहल सीधे-सीधे भाजपा-राजग को फायदा पहुंचाएगी। साथ ही
विपक्षी गठबंधन के लिए पार्टी कोई भी कुर्बानी देने को तैयार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस दिशा में अब तक कांग्रेस से दूरी बनाते रहे दलों को साधने के लिए एक कदम आगे बढ़ाने का एलान करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन के लिए पार्टी कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है।
मनमोहन सिंह सरकार को साजिश के तहत किया गया बदनाम
कांग्रेस महाधिवेशन की शुरुआत करते हुए खरगे ने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस ने संप्रग के रूप में समान विचारधारा वाले दलों का नेतृत्व कर देश की मजबूती से सेवा की। मनमोहन सिंह के रूप में एक बेहद ईमानदार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लोक हितकारी सरकार को साजिश के तहत बदनाम किया गया।
कांग्रेस ही निर्णायक नेतृत्व प्रदान कर सकती है
लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की दावेदारी पेश करते हुए खरगे ने कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थितियों में कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो सक्षम और निर्णायक नेतृत्व प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि एकजुट विपक्ष की तत्काल आवश्यकता है। किसी तीसरी ताकत के उभरने से भाजपा-राजग को ही फायदा होगा।
विपक्षी दलों को घेरने की कोशिश
इसके जरिये तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, आम आदमी पार्टी, जदएस जैसे उन दलों को घेरने की कोशिश की गई है, जो कांग्रेस से किनारा करते हुए विपक्षी एकता के प्रयासों में जुटे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने एक दृष्टि पत्र तैयार करने की भी बात कही है, जिसमें बेरोजगारी, गरीबी उन्मूलन, महंगाई, महिला सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के अहम मुद्दों को शामिल किया जाएगा।
सत्ता में बैठे लोगों का डीएनए ‘गरीब विरोधी’
अपने अध्यक्षीय संबोधन में खरगे ने कहा कि देश संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों पर निरंतर हमले, चीन से लगी सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा, भारी महंगाई और रिकार्ड बेरोजगारी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। मगर इसका समाधान नहीं निकाला जा रहा, क्योंकि दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों का डीएनए ‘गरीब विरोधी’ है और वे लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
अपने मित्रों के हितों की सेवा कर रहे प्रधानसेवक
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को प्रधान सेवक कहने वाले अपने मित्रों के हितों की सेवा कर रहे हैं। राजनीतिक प्रस्ताव में भारत जोड़ो यात्रा को सत्ता से लड़ने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कांग्रेस ने शासन के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका और न्यापालिका पर हो रहे प्रहारों की रक्षा का संकल्प दोहराते हुए मीडिया की स्वतंत्रता को मजबूत करने की बात कही।
घृणा अपराधों को रोकने के लिए नया कानून बनाने से लेकर संघवाद को मजबूत करने के लिए राज्यपालों के पद का दुरुपयोग रोकने की भी पार्टी पहल करेगी। उत्तर-पूर्वी राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा बहाल करने की भी बात कांग्रेस ने कही है।
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का भी कांग्रेस के प्रस्ताव में जिक्र है, मगर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है। मालूम हो कि जब इस विवादित अनुच्छेद को हटाया गया था, तब कार्यसमिति के प्रस्ताव में इसे अलोकतांत्रिक तरीके से हटाने की बात कही गई थी।
छत्तीसगढ़
बस्तर में हम नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का लिया संकल्प – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार को बस्तर दौरे पर थे। बस्तर दौरे के बाद सीएम रात में अचानक जवानों से मुलाकात करने के लिए सीआरपीएफ के कैंप में पहुंचे। सीएम ने जवानों के साथ एक रात कैंप में बताई। सीएम ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि पिछले 11 महीनों के दौरान आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अचानक सीआरपीएफ कैंप पहुंचने पर आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ ही जवानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुरक्षा बलों के जवानों से आत्मीयतापूर्वक संवाद करते हुए कहा कि जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में चित्रकोट आया था, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आप सब जवानों से मिलूं। पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर जो सफलता मिली है, उसमें आप सभी का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। मैं आप सभी के साहस को नमन करता हूं। नक्सल अभियान में आप सभी को जो सफलता मिल रही है, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर करते हैं। गृह मंत्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और सहयोग मिलते रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का भी यही संदेश है।
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