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उत्तर प्रदेश

कांग्रेस नेता फिलीस्तीन का बैग लेकर घूम रहीं, हम नौजवानों को इजराइल भेज रहेः सीएम योगी

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लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को अपने वक्तव्य के दौरान कई बार विपक्षी सदस्यों पर करारे कटाक्ष किए। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कल कांग्रेस की एक नेता संसद में फिलीस्तीन का बैग लेकर घूम रही थीं और हम यूपी के नौजवानों को इजराइल भेज रहे हैं। सीएम योगी यहीं नहीं रुके। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को सरकार की योजनाओं और नीतियों को समझने का भी सुझाव दिया। बोले- प्रदेश के नौजवानों के हितों के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। विपक्ष के सदस्य यदि सरकार की योजनाओं और नीतियों के बारे में समझकर अपने क्षेत्र में कार्य करेंगे तो उनके क्षेत्र के नौजवानों का ही भला होगा और उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा, नहीं तो वही होगा जो कुंदरकी में हुआ है।

विपक्ष का काम सिर्फ नकारात्मक नहीं हो सकता

सीएम योगी बोले, हमें उत्तर प्रदेश को विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है। सदन में कुम्भ पर भी चर्चा होगी और मुझे लगता है कुम्भ हमारे लिए एक अवसर होगा उत्तर प्रदेश को वैश्विक मंच पर शोकेस करने का, लेकिन इसके लिए अच्छा बोलना और सोचना पड़ेगा। नकारात्मकता को हटाना पड़ेगा। विपक्ष का मतलब नकारात्मक नहीं हो सकता है। विपक्ष का मतलब हर चीज में बुराई करना नहीं हो सकता है। कुछ अच्छा भी करिए, अच्छा सोचिए, अच्छी दिशा में चलिए, अच्छी दिशा में चलेंगे तो आगे अच्छा ही देखने को मिलेगा, लेकिन अगर नकारात्मक दिशा में चलेंगे तो एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई ही मिलेगी। नकारात्मकता किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। सीएम ने विपक्ष के सदस्यों से आग्रह किया सदन में आकर मुद्दों को रखें, लेकिन तथ्यों के साथ रखेंगे तो उनकी गरिमा और सम्मान बढ़ेगा। उनके मुद्दे उचित, लेकिन तथ्यहीन-अपुष्ट थे। उन्होंने अपील की कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और विद्वेष को छोड़कर सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में पढ़ेंगे तो अपने क्षेत्र के नौजवानों का भला कर पाएंगे। नहीं तो आपका वही हाल होगा जो कुंदरकी में हुआ।

दुनिया मान रही यूपी के नौजवानों की स्किल

सीएम योगी ने कहा कि यूपी के अब तक लगभग 5,600 से अधिक नौजवान इजराइल में निर्माण कार्य करने गए हैं। हर नौजवान को वहां रहने और खाने की निःशुल्क सुविधा के साथ डेढ़ लाख रुपए अतिरिक्त मिल रहे हैं। उन्हें सुरक्षा की भी पूरी गारंटी है। अभी इजराइल के राजदूत आए थे। उन्होंने कहा कि हम यूपी के और भी नौजवानों को ले जाना चाहते हैं, क्योंकि यहां का नौजवान अच्छा कार्य कर रहा है। उसकी स्किल की ताकत को आज दुनिया मान रही है। जब वो नौजवान ये डेढ़ लाख रुपये अपने घर भेजता है तो प्रदेश के ही विकास में योगदान देता है। हमें उन नौजवानों का अभिनंदन करना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ था तब उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भारत की एवरेज प्रति व्यक्ति आय से अधिक थी और 2017 में जब हमें सत्ता प्राप्त हुई थी, तब उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भारत की प्रति व्यक्ति आय की एक तिहाई रह गई थी। आज हम उसे दोगुना करने में सफल हुए हैं। मेरा मानना है कि अगले 5 साल के अंदर उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय फिर से भारत की प्रति व्यक्ति आय से अधिक होगी। प्रदेश की वर्तमान वृद्धि दर इसी दिशा में संकेत देती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीयत साफ है, नीतियां बहुत स्पष्ट है। सरकार प्रदेश के हर नौजवान के हित को लेकर पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से कार्य कर रही है और उसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश का स्किल डेवलपमेंट मिशन बेहतरीन काम कर रहा है। 12 लाख से अधिक युवाओं को इस स्किल डेवलपमेंट मिशन से जोड़ा गया है, 6 लाख से अधिक नौजवान इसके माध्यम से रोजगार प्राप्त किए हैं। ग्लोबल मैपिंग के साथ कहां-कहां यूपी के नौजवानों के लिए नौकरी की संभावना हो सकती है, इसके लिए भी सरकार के स्तर पर कार्य प्रारंभ हुआ है। इसमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ दुनिया के अंदर मॉडल कोर्सेज कौन-कौन से हो सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जा रहा है। हमारी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी भी स्किल मिशन पर बहुत ध्यान दे रही है। स्किल मिशन इसी बात को लेकर है कि जब हमारा नौजवान अपने कॉलेज की पढ़ाई करके निकले तो खुद को असहाय न महसूस करे, बल्कि वह खुद को आत्मनिर्भर-स्वावलंबी महसूस करे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने नौजवानों के हितों को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है। जो मुद्दे यहां उठाए गए हैं, सरकार उसके प्रति अवेयर है। किसी भी नौजवान के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की छूट किसी को भी नहीं दी जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

हमारी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में 1.60 लाख से अधिक भर्तियां कींः मुख्यमंत्री

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रखा। उन्होंने सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा, पंकज पटेल के मुद्दे को महत्वपूर्ण व संवेदनशील बताया, लेकिन नसीहत दी कि सदस्यों को सदन की गरिमा व मर्यादा को ध्यान में रखकर तथ्यपरक बातें रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। हमारी सरकार ने 1.60 लाख से अधिक भर्तियां शिक्षा विभाग में की हैं।

विभिन्न विभागों से अधियाचन मांगकर नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ा रहा उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा (बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यावसायिक, चिकित्सा शिक्षा) को लेकर नया चयन बोर्ड (उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग) बनकर तैयार है। वह विभिन्न विभागों से अधियाचन मांगकर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। हमारी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में ही 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं। यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं।

आरक्षण के नियमों का हो रहा अक्षरशः पालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी देश, दुनिया व उत्तर प्रदेश के सामने चुनौती है। उत्तर प्रदेश दुनिया के अंदर सबसे युवा राज्य है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 56 से 60 फीसदी आबादी वर्किंग फोर्स-युवा है। हमारी सरकार ने राज्य के युवाओं को ध्यान में रखकर अनेक कार्य किए हैं। पिछले सत्र में हमारी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा व अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम -2024 को पारित किया। प्रदेश के युवाओं को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त हो रही हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है।

सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं। यदि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात है तो 69000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं, वे सभी चार वर्षों से स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं। उससे पहले 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया गया, क्योंकि उस समय बीएड को एनसीटीई ने उस परीक्षा के योग्य नहीं माना था और उस समय बीटीसी के इतने अभ्यर्थी हमारे पास नहीं थे। इसमें केवल 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हो पाई थी, जो आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी हुआ।

पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था। शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया था। माननीय उच्चतम न्यायालय ने उन्हें खारिज करके सेवाओं को समाप्त करने का आदेश किया था, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें निश्चित मानदेय पर रखा है। वे सभी शिक्षामित्र भी यथावत कार्य कर रहे हैं। उन्हें वेटेज देकर भर्ती प्रक्रिया से जोड़ा गया था। माननीय उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप कदम उठाए गए थे। 44,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग बोर्ड व उच्चतर शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के द्वारा संपन्न की जा चुकी है।

सीएम ने कराया हकीकत से वाकिफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी विनम्रता से कहूंगा कि पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 18 हजार पद आरक्षित होते हैं और पिछड़ी जाति के उसमें 32,200 से अधिक नौजवान भर्ती हुए हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 21 फीसदी है, जिसमें 12 हजार पद उनके लिए आरक्षित होते हैं, लेकिन भर्ती हुई है 14 हजार से अधिक की। ये चीजें दिखाती हैं कि अपनी योग्यता और मेरिट से जो लोग आगे बढ़े हैं, उन्हें जनरल कैटेगरी का भी लाभ दिया गया है। जनरल के जो 34,500 पद थे, उसमें भर्ती हुई है मात्र 20 हजार। यह उन सबके लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए, जो इनके नाम पर राजनीति करके समाज में बंटवारे की खाई को चौड़ा करना चाहते हैं।

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