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गहलोत के बयान से बैकफुट पर कांग्रेस, रमेश बोले- नहीं थी ऐसी उम्मीद
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) द्वारा अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट को गद्दार कहे जाने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने आज कहा अशोक गहलोत काफी अनुभवी नेता हैं लेकिन, उनसे इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं है। यह अप्रत्याशित लगा।
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डैमेज कण्ट्रोल करते हुए रमेश को कहना पड़ा कि कांग्रेस में डर का माहौल नहीं है। हमारा हाईकमान तानाशाह नहीं है। पार्टी के नेता जो मन में आता है, वह बोल रहे हैं। बता दें, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी। उससे पहले मचे घमासान के चलते कांग्रेस बैकफुट पर है।
दरअसल, गहलोत ने दो दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा कि सचिन पायलट गद्दार हैं। उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर बगावत करने की कोशिश की। दस-दस करोड़ रुपये विधायकों को दिए गए, इसकी पुष्टि कर सकता हूं। दस विधायक उनके साथ नहीं हैं, उन्हें सीएम के तौर पर कोई स्वीकार नहीं करेगा।
देर शाम को पायलट की भी सधी हुई प्रतिक्रिया आई। उन्होंने पलटवार किया कि गहलोत एक वरिष्ठ नेता हैं और उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी। वह मुझे गद्दार, नाकारा और निकम्मा कहते हैं, लेकिन मेरी परवरिश ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने की नहीं है। इस समय हमें कांग्रेस को मजबूत करना है। राहुल गांधी का हाथ मजबूत करना है।
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस को अशोक गहलोत जैसे अनुभवी नेता की जरूरत है। साथ ही सचिन पायलट जैसे ऊर्जावान और लोकप्रिय नेता भी हमारी आवश्यकता है। जल्द ही राजस्थान के मामले में हल निकाला जाएगा। जो भी हल निकलेगा, वह व्यक्ति आधारित नहीं होगा। संगठन को सर्वोपरि मानकर ही हल निकाला जाएगा।
शिवराज पर बरसे जयराम रमेश
पत्रकारों से बातचीत में जयराम रमेश ने कहा कि हम अब तक छह राज्यों में घूमे हैं, लेकिन वहां की सड़कें अच्छी थी। मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। प्रदेश की सड़कों की तुलना वॉशिंगटन की सड़कों से करते हैं लेकिन खंडवा, बुरहानपुर और खरगोन जिले की सड़क पर चलने में मुझे खतरा महसूस हुआ। सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं।
दाढ़ी के बजाए थाली की चिंता करें भाजपा
जयराम रमेश के साथ मौजूद कन्हैया कुमार ने पत्रकारों से कहा कि जब यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई थी तो यह कांग्रेस के लिए उत्सव थी। अब यह महोत्सव बन चुकी है। ऐसे लोग इस यात्रा से जुड़ रहे हैं जो देश में भाईचारा और अमन चाहते हैं।
उन्होंने कहा भाजपा यात्रा के मामले में उलजुलूल मुद्दों को हवा देती है। कभी हमारे नेता राहुल गांधी की टी-शर्ट पर तो कभी जूतों पर सवाल उठाए जाते हैं। हाल ही में उनकी दाढ़ी पर टिप्पणी की गई।
कन्हैया ने कहा कि भाजपा हमारे नेता की दाढ़ी के बजाय गरीब की थाली की चिंता करें, क्योंकि गरीब की थाली लगातार महंगी होती जा रही है। तेल, शक्कर, दाल खरीदना गरीब के बस की बात नहीं रही। भाजपा देशवासियों को बांटने की कोशिश कर रही है। वह जानती है कि यदि देशवासी एकजुट रहेंगे तो सड़क, पानी, बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा होगी।
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उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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