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कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, कहा- रुझानों को जानबूझकर वेबसाइट पर धीरे शेयर किया जा रहा

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चंडीगढ़। हरियाणा चुनाव नतीजों के रुझानों से भाजपा गदगद है। तो वहीं कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर ही सवाल उठाने खड़े कर दिए हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, भाजपा 50 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, कांग्रेस केवल 34 सीटों पर आगे चल रही है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लोक सभा नतीजों की तरह हरियाणा में भी चुनावी रुझानों को जानबूझकर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर धीमे धीमे शेयर किया जा रहा है। क्या भाजपा प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।

वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि वास्तविक रूप से गिने गए राउंड की संख्या और चुनाव आयोग के डेटा के जरिए टेलीविज़न पर दिखाए जा रहे राउंड की संख्या में अंतर है। चुनाव आयोग का डेटा पीछे चल रहा है, वे अभी भी 4 या 5वें राउंड का डेटा दिखा रहे हैं, जबकि 11 राउंड की गिनती हो चुकी है। हमारे संचार महासचिव ने चुनाव आयोग को ट्वीट करके पूछा है – डेटा दिखाने और अपलोड करने में देरी करके वे स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में आपको हर राउंड की गिनती के साथ लाइव डेटा मिल रहा है लेकिन हरियाणा में ऐसा नहीं है।

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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