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बिजनेस

शेयर बाजार में लगातार गिरावट, सेंसेक्स 573 और निफ्टी 157 अंक फिसला

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The rise in the Indian stock market stopped

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मुंबई। शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। सेंसेक्स 573.27 अंक या 1.03% लुढ़क कर 55,102.05 के स्तर पर आ गया है। वहीं, निफ्टी भी 157.50 अंक फिसल कर 16,412.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

निफ्टी टॉप गेनर में ओएनजीसी, कोल इंडिया, एनटीपीसी, बीपीसीएल जैसे स्टॉक्स हैं तो टॉप लूजर में टाइटन, डॉक्टर रेड्डी, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, अल्ट्राटेक और एशियन पेंट्स।

आज सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को भी शेयर बाजार की शुरुआत कमजोर रही। बीएसई का 30 स्टॉक्स वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 302 अंकों के नुकसान के साथ 55373  के स्तर पर खुला। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी आज के दिन के कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ की।

शुरुआती कारोबार में  सेंसेक्स 515 अंकों की गिरावट के साथ 55157  के स्तर पर  था। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में एनटीपीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़ बाकी 28 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर थे। वहीं निफ्टी भी 146 अंकों की गिरावट के साथ 16422 के स्तर पर था।

गिरावट की वजह

विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते प्रमुख शेयर सूचकांकों में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को लगातार तीसरे दिन जारी रहा।

इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 559.46 अंक गिरकर 55,115.86 पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 161.05 अंक गिरकर 16,408.50 पर आ गया।  बुधवार को आने वाली आरबीआई की नीति समीक्षा से पहले भी निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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