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भाजपा सांसद का विवादित बयान, कहा- सुभाष चंद्र बोस को गांधीजी ने मरवाया था

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जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं जिले से भाजपा सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ ने विवादित बयान दिया है। खीचड़ ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस को गांधीजी ने मरवाया था। बयान का वीडियो वायरल होने के बाद सांसद खीचड़ ने सफाई दी की उनकी जुबान फिसल गई।

एक कार्यक्रम में सांसद खीचड़ ने कहा कि  मैं महात्मा गांधी का सम्मान करता हूं। दफ्तर में उनकी फोटो लगा रखी है। दअसल, सांसद खीचड़ 25 जून को बाकरा गांव में स्वतंत्रता सेनानी श्योलाल खीचड़ की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में गए थे।

कार्यक्रम में सांसद ने कहा था कि सुभाष चंद्र बोस की हत्या महात्मा गांधी ने करवाई थी। प्रधानमंत्री तो एक को ही बनना था, गांधी ने बोस को चुनाव के लिए राजी तो कर लिया, लेकिन उन्हें मरवा भी दिया। वीडियो सामने आने के बाद सियासी हलकों में सांसद के इस बयान की चर्चा है।

सांसद यह भी कह रहे हैं कि राजा महाराजाओं के समय से ही यह परंपरा रही है कि बेटा ही बाप को कत्ल करके राज करता है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के समय भी यह भावना थी।

विवाद बढ़ने पर दी सफाई

सांसद के बयान पर विवाद हुआ तो उन्होंने आज सोमवार को सफाई दी है। सांसद ने कहा कि मेरे कहने का मतलब वह नहीं था। मेरे कहने का मतलब था कि आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस को बनना चाहिए था।

गांधी चाहते तो सुभाष चंद्र बोस प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन गांधी ने जवाहरलाल नेहरू को प्राथमिकता दी। मेरे कहने का मतलब सामान्य भाषा में यह था कि गांधी के कारण ही सुभाष चन्द्र बोस प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। गांधी ने सुभाषचन्द्र बोस का पॉलिटिकल मर्डर कर दिया। आशय यह नहीं था कि गांधी ने बोस को जान से मरवा दिया या हत्या करवा दी।

बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया

सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ ने कहा कि कहने का मतलब कुछ और था जिसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर दिया। महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता है। कोई ऐसा शब्द निकल गया हो तो मैं क्षमा चाहता हूं। हम तो महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने वाले हैं, हम राष्ट्रभक्त हैं। मैं महात्मा गांधी का पूरा सम्मान करता हूं।

आज की खबर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता

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नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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