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देश में फिर बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, सक्रिय मामलों की कुल संख्या करीब तीन हजार  

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COVID-19

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नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना का नया वैरियंट स्ट्रेन JN.1 मिलने के बाद केंद्र व राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं। केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं। जिसके बाद केंद्र ने राज्य सरकारों को सतर्क रहने का सुझाव दिया है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, केरल में 20 दिसंबर को कोविड​​​​ के 300 नए सक्रिय मामले सामने आए थे और तीन लोगों की मौत हुई थी जबकि 21 दिसंबर को 265 नए सक्रिय मामले सामने आए और एक मौत हुई। वहीं, देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2,997 है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने जनता को आश्वस्त किया है कि अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्वामीनाथन ने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने तनाव को रुचि के प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है, चिंता के प्रकार के रूप में नहीं।

भारत में दर्ज हुए 640 कोरोना के मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में शुक्रवार को कोरोना के 640 नए मामले सामने आए हैं, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या एक दिन पहले 2,669 से बढ़कर 2,997 हो गई है।

लखनऊ में बुजुर्ग महिला कोरोना पॉजिटिव

उप्र के लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। महिला को स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कत थी इसलिए दो दिन पहले जांच कराई गई। वह ठीक है। जिला निगरानी अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण ने कहा, उनके संपर्क में आए किसी भी व्यक्ति का परीक्षण सकारात्मक नहीं आया।

इस बीच, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कोविड-19 के नए उप-संस्करण से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। प्रदेश में आवश्यकतानुसार नमूनों की जांच की जा रही है। यह कोई नया वैरिएंट नहीं बल्कि एक सब-वेरिएंट है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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