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कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित होगी इसका कोई डेटा नहींः डॉ रणदीप गुलेरिया

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नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित होगी इस बात को एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के खारिज कर दिया है। डॉ गुलेरिया के मुताबिक तीसरी लहर को लेकर हमारे पास कोई डेटा नहीं है।

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भारतीय या ग्लोबल स्टडी में ऐसी बात नहीं कही गई है कि बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है। यहां तक कि दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित हुए, उनमें मामूली लक्षण ही थे।

इसके अलावा कुछ और बीमारियों के चलते उनकी गंभीरता बढ़ गई थी। एम्स के निदेशक ने राहत की उम्मीद बंधाते हुए कहा कि मैं नहीं मानता कि भविष्य में भी बच्चों पर कोरोना का कोई गंभीर असर होगा।

ऐसे में यह बता पाना मुश्किल है कि बच्चों के लिए यह कितना घातक होगा? डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वायरस के कारण ये लहरें आती हैं, क्योंकि वायरस अपना रूप बदलता है। लॉकडाउन से इंफेक्शन कम होता है। लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद इंफेक्शन बढ़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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