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प्रादेशिक

क्लस्टर मॉडल से तेजी से हो रहा वैक्सीनेशन, 15 करोड़ टीकाकरण करने वाला पहला राज्‍य बना यूपी

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लखनऊ। प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए अब प्रदेश सरकार के साथ गैर सरकारी संगठन मिलकर पात्र लोगों को टीकाकरण कराने के लिए जागरूक करेंगे। इन गैर सरकारी संगठनों के लगभग 10000 से अधिक लोग गांव और शहरों में पात्र लोगों को टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करेंगे। बता दें कि नवंबर से क्‍लस्‍टर मॉडल के चलते टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी आई है।

प्रदेश में टीकाकरण को तेजी से बढ़ाने के लिए क्लस्टर मॉडल, स्‍कूल कॉलेजों में टीकाकरण कैंप, गांवों में अधिक बूथ, कोरोनारोधी टीकाकरण से कोई न छूटे, इसके लिए जिला संयुक्त अस्पताल में रात दस बजे तक टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार को हर जिले में एक केंद्र पर रात दस बजे तक टीकाकरण कराए जाने के निर्णय से भी गति मिली है।

टीकाकरण की अब तक पहली डोज न पाने वालों की अलग सूची तैयार की जा रही है। जिनका दूसरा डोज ओवरड्यू हो गया हो उनकी एक अलग सूची बनाई जा रही है। 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश से देश के दूसरे प्रदेश टीकाकरण में कहीं पीछे हैं।

पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में जहां कम आबादी होने के बावजूद टीकाकरण धीमी गति से चल रहा वहीं यूपी लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। यूपी में अब तक 15 करोड़ 14 लाख से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें अब तक 10 करोड़ 69 लाख से अधिक पहली डोज और 04 करोड़ 45 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है।

नवंबर तक शत प्रतिशत लोगों को कोरोना की पहली डोज देने का है लक्ष्‍य

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार को तेजी से बढ़ाने के निर्देश देते हुए नवंबर के अंत तक शत प्रतिशत लोगों को कोरोना की पहली डोज देने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) यूपी के जीएम (टीकाकरण) डॉ मनोज शुक्‍ला ने बताया कि क्षेत्र में ही लोगों की सुविधानुसार टीकाकरण बूथ लगाए हैं जिनमें पहली और दूसरी डोज दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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