प्रादेशिक
रिकॉर्ड टेस्टिंग से कोरोना से जंग जीतने की ओर यूपी, लगातार कम हो रहे मामले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ चुकी है। रोजाना हर एक दिन जहां टेस्टिंग में नया रिकॉर्ड बनाया जा रहा है, वहीं पॉजिटिव आने वाले सैम्पल में कमी होती जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 672 है वहीं सर्वाधिक आबादी वाले यूपी ने अपने से आधी आबादी वाले प्रदेशों की तुलना में कोरोना संक्रमण पर तेजी से लगाम लगाई है। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट की नीति के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिली है।
यूपी में हर एक दिन जहां टेस्टिंग में नया रिकॉर्ड बनाया जा रहा है, वहीं पॉजिटिव आने वाले सैम्पल में कमी होती जा रही है। हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। प्रदेश में अब तक कुल 06 करोड़ 62 लाख 17 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। जो देश के दूसरे जनपदों से कहीं अधिक है। देश के दूसरे प्रदेशों में जहां टीकाकरण व जांच की प्रक्रिया की गति धीमी हैं वहीं रोजाना तेजी से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। 25 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में महज 65 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इस दौरान 34 मरीजों ने कोरोना को मात दी। पिछले 24 घंटों में 02 लाख 28 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की गई। जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत व रिकवरी रेट 98.6 प्रतिशत दर्ज किया गया। बता दें कि अब तक 16 लाख 85 हजार 125 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं।
महाराष्ट्र, दिल्ली या छत्तीसगढ़ में कम नहीं हो रहा संक्रमण
एक ओर जहां उत्तर प्रदेश में हर दिन के साथ हालात में बेहतरी के संकेत मिल रहे हैं वहीं महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसे अपेक्षाकृत कम आबादी वाले राज्यों में पॉजिटिविटी रेट कम नहीं हो रहा। 12 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र में एक्टिव कोरोना संक्रमण के केस 75,303 और टीपीआर 3.3 प्रतिशत, केरल में एक्टिव केस की संख्या 1,65,319 व टीपीआर 12.3 प्रतिशत, तमिलनाडु में सक्रिय मामले 20,385 व टीपीआर 1.2 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 20,582 सक्रिय मामले व 2.6 प्रतिशत टीपीआर, छत्तीसगढ़ में सक्रिय मामलों की संख्या 1,918 व टीपीआर 0.4 प्रतिशत वहीं इन राज्यों से अधिक आबादी वाले यूपी में टीपीआर 0 प्रतिशत है।
11 जनपद कोरोना संक्रमण मुक्त
अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, बदायूं, एटा, फर्रुखाबाद, हाथरस, महोबा, पीलीभीत, प्रतापगढ़ और सीतापुर में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। पिछले 24 घंटों में हुई टेस्टिंग में 48 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस उजागर नहीं हुआ वहीं 26 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए।
इन संक्रमित मरीजों की कराई जाएगी जीनोम सिक्वेंसिंग
बीते दिन लखनऊ में 11 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई। जिसमें चार लोग मलीहाबाद क्षेत्र के एक ही परिवार के सदस्य हैं। इन सभी के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में कोई अन्य संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया गया। लखनऊ में ही केरल राज्य से लौटे चार अन्य लोग भी कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी।
टीकाकरण में यूपी है अव्वल
प्रदेश में तेजी से की जा रही टेस्टिंग के अलावा तेजी से टीकाकरण भी किया जा रहा है। दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा यूपी ने टीकाकरण में बेहतर प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक टीके की डोज देकर देया के दूसरे प्रदेशों के समक्ष नजीर पेश की है। अब तक उत्तर प्रदेश में 04 करोड़ 89 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। 04 करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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