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देश के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन, दो दिन पहले किया था मतदान

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Shyam Saran Negi

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शिमला। भारत के पहले मतदाता होने का गौरव रखने वाले हिमाचल प्रदेश के किन्नौर निवासी श्याम सरन नेगी (Shyam Saran Negi) का निधन हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि मौत से दो दिन पहले वह हिप्र विस चुनाव के लिए मतदान करके गए।

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उनका वोट लेने के लिए चुनाव आयोग की ओर से खास इंतजाम किए गए थे। उन्हें लाल कालीन पर लाया गया था और पूरे सम्मान के साथ वोट लिया गया था। बुजुर्ग होने के चलते मतदान टीम उनके घर पहुंची थी और पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की तारीख से पहले ही वोट लिया था।

श्याम सरन नेगी ने देश के पहले आम चुनाव में पहला वोट डाला था और तब से वह कभी भी वोट डालने का मौका नहीं चूके थे। उनकी उम्र 106 साल थी। 2 नवंबर को ही श्याम सरन नेगी ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए मतदान किया था। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।

किन्नौर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर आबिद हुसैन ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से श्याम सरन नेगी के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं। उन्हें पूरे सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी। श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई, 1917 को हुआ था। वह किन्नौर के ही कल्पा में अध्यापक के तौर पर कार्यरत थे।

श्याम नेगी को मिला पहले वोटर का दर्जा

भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद जब 1951 में पहली बार आम चुनाव कराए गए थे तो श्याम सरन नेगी पहले शख्स थे, जिन्होंने मतदान किया था। वह 25 अक्टूबर, 1951 को लाइन में लगकर मतदान करने वाले पहले शख्स थे। तब आम चुनाव फरवरी 1952 में हुए थे, लेकिन हिप्र में बर्फबारी के चलते 5 महीने पहले ही मतदान करा लिया गया था।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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