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प्रादेशिक

सीजीएम कोर्ट से जालसाज हिना की बेल एप्लीकेशन खारिज, पूरी कुंडली खंगालेगी साइबर पुलिस

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लखनऊ। उल्लू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ व कार्यकारी निदेशक से ब्लैकमेलिंग कर 15 लाख रुपये का चूना लगाने वाली शातिर महिला हिना जाबिर बेग की बेल एप्लिकेशन सीजीएम कोर्ट से खारिज हो गई है । हिना जाबिर बेग 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार लखनऊ में बंद है । हिना अपने साथियों की मदद से जालसाजी और ठगी का नेटवर्क चलाती थी इसने उल्लू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड में लीगल हेड रहते हुए ब्लैक मेलिंग के जरिए वहां से 15 लाख रुपए वसूले थे।

कंपनी की शिकायत पर इसे लखनऊ साइबर सेल की टीम ने मुंबई से गिरफ्तार किया था । हिना को पुलिस ने भले ही अरेस्ट कर लिया हो लेकिन उसके अभी तमाम साथी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं । बताया जा रहा है कि गैंग की सरगना और मास्टरमाइंड हिना जाबिर बेग अपने साथी आमिर अली जो कि अमेरिका में रहता है । मिल कर इस गिरोह का संचालन कर रही थी । अमीर अमेरिका के टेक्सास में बैठकर ब्लैकमेलिंग की रकम अपने अकाउंट में मगाता था । जिसके बाद यह पैसे वापस रुड़की के रहने वाले अहमद अहमान रहमान के अकाउंट में आते थे और फिर इन पैसों को आपस में बांट लिया जाता था इस गैंग में एक और सदस्य बताया जा रहा है जिसका नाम अजहर जमादार है जो कि मुंबई का रहने वाला है । अजहर इस गैंग में पुलिस बनकर लोगों को धमकाता था।

बताया जा रहा है कि हिना अपने साथी अजहर जमादार के साथ मिल कर पूर्व में भी कंपनी से लाखों रुपयों की ब्लैकमेलिंग कर चुकी है । साइबर सेल अब इस पूरे गैंग की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस गैंग ने इसी तरह पूर्व में भी ठगी की होगी हालांकि अभी ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है आपको बता दें कि हिना को लखनऊ लाकर शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। उसने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी वेब सिरीज में आपत्तिजनक सामग्री होने का आरोप लगाकर मुकदमेबाजी में फंसाने की धमकी देकर अपनी ही कंपनी के सीईओ व कार्यकारी निदेशक को ई-मेल भेजकर ब्लैकमेलिंग की थी।

उल्लू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कार्यकारी निदेशक शोभित सिंह ने 10 जून 2021 को राजधानी के साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि किसी ने ई-मेल भेजकर उन्हें धमकी देकर 15 लाख रुपये वसूल लिए हैं। अब दोबारा ई-मेल भेजकर 40 लाख रुपये की मांग की गई है। साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर मुस्लिम खां ने छानबीन की तो पता चला कि जिस आईडी से ई-मेल किए गए वो कंपनी के मुंबई स्थित कार्यालय में कार्यरत लीगल एडवाइजर हिना जाबिर बेग इस्तेमाल करती है। फिलहाल सोमवार को आरोपी हिना को कोर्ट में पेश किया जाएगा ।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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