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प्रादेशिक

भारत-चीन सीमा पर एक मजदूर की मौत, डूबने से मौत की आशंका; 18 लापता

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ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले में भारत-चीन सीमा पर एक मजदूर की मौत और 18 के लापता होने की खबर है। डिप्टी कमीश्नर बेंगिया निघी ने बताया कि ये सभी यहां एक रोड प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और 5 जुलाई से ही लापता है। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर असम के रहने वाले हैं।

डिप्टी कमीश्नर ने बताया, “सड़क बनाने के लिए ठेकेदार असम से 19 मजदूरों को लेकर आया था। जिला मुख्यालय कोलोरियांग से यह इलाका 150 किमी की दूरी पर स्थित है। हमें 13 जुलाई को यह जानकारी मिली कि सभी मजदूर वर्क साइट से लापता हैं। इसके तुरंत बाद हमने तलाशी अभियान शुरू किया। आसपास के जंगलों और अन्य रास्तों में तलाशी लेने के बावजूद उनका पता नहीं चला। सोमवार को उन मजदूरों में से एक का शव फुरक नदी से बरामद किया गया था।”

नदी में डूबने से मौत की आशंका

आशंका जताई जा रही है कि कुमी नदी में डूबने से सभी मजदूरों की मौत हो गई होगी। एक शव मिलने के बाद इस आशंका को और भी अधिक बल मिला है। फिलहाल रेस्क्यू का काम जारी है। नदी में ये मजदूर कब डूबे, इस बारे में पता नहीं चल सका है। इनके घरवालों को भी किसी तरह की जानकारी नहीं है।

बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले ये सभी पैदल ही घर के लिए निकले थे। रास्ते में कुमी नदी पड़ती है। इसे पार करते समय हादसा हुआ होगा।

ईद पर पैदल ही चल दिए थे घर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये मजदूर ईद के मौके पर अपने घर जाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर से छुट्टी की मांग की लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसके बाद ये लोग पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े। अब आधिकारिक तौर पर इनके लापता होने की खबर सामने आई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि लापता मजदूरों की तलाशी की जा रही है।

शव न मिलने की भी आशंका

हादसे को कई दिन बीत जाने के बाद आशंका यह भी जताई जा रहा है कि उनमें से कई लोगों के शव न मिल पाएं। हालांकि अभी कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है। मालूम हो कि पूर्वोत्तर में बीते दिनों भारी बारिश हुई है। इससे अरुणाचल प्रदेश, असम और मिजोरम के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। साथ ही नदियां भी उफान पर हैं।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा

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गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।

दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।

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