Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

हाथरस गैंगरेप मामले में आज आ सकता है फैसला, कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात

Published

on

Hathras gangrape case

Loading

हाथरस/लखनऊ। उप्र के बहुचर्चित हाथरस के बूलगढ़ी गैंगरेप मामले में आज गुरुवार को एससी-एसटी कोर्ट आरोपियों पर दोष तय कर सकता है। सुबह साढ़े 11 बजे चारों आरोपियों को पेशी पर कोर्ट में लाया गया है। सीबीआई चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।

तीन साल पहले लड़की के साथ हुआ था गैंगरेप

गौरतलब है कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के बूलगढ़ी गाँव की दलित युवती के साथ गैंगरेप हुआ था। 29 सितम्बर को दिल्ली के सफदरगंज में युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामले में गांव के संदीप ठाकुर, लवकुश, रामू और रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

सीबीआई ने मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ 376 डी, 302 और एससीएसटी एक्ट सहित कई धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। सीबीआई की चार्जशीट के बाद से कोर्ट में पूरे प्रकरण की सुनवाई चल रही है। मामले में 104 गवाहों में से सीबीआई ने 35 लोगों की गवाही दे दी है। आज जिले की एससी-एसटी एक्ट कोर्ट में आरोपियों को दोषी ठहराया जा सकता है।

युवती को खेत में खून से लथपथ छोड़कर भाग गए थे आरोपी

घटनाक्रम के मुताबिक पीड़िता खेत में घास लेने गई हुई थी। तभी उसके साथ ये घटना की गई थी। रेप का आरोप ऊंची जाति के 4 युवकों पर लगा था। आरोपी लड़की को एक खेत में खून से लथपथ छोड़कर भाग गए थे। पीड़िता की गर्दन और प्राइवेट पार्ट्स पर गंभीर चोटें पाई गई थी। उसकी जीभ को भी आरोपियों ने बेरहमी से काट दिया था।

गैंगरेप और हत्या का आरोप उसी गांव के चार युवकों लवकुश, संदीप, रामू और रवि पर हुआ। पुलिस ने 26 सितंबर से पहले ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। घटना की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

प्रयागराज और हाथरस में सुनवाई

सीबीआई ने जांच के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। धारा 302, 376, 376 ए, 376 डी, और, 3 (2) (5) एससी, एसटी एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। पीड़िता की मौत के बाद दो मामले दर्ज किए गए थे। उनकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट और हाथरस में एससी/एसटी अदालत कर रही है।

परिवार ने संभाल कर रखी हैं अस्थियां

लगभग ढाई साल से पीड़िता का परिवार न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहा है। परिवार ने अपनी बेटी की अस्थियां अभी तक संभालकर रखी हुई हैं। वे कहते हैं कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वे अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। जिस दिन न्याय मिलेगा, उस दिन बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।

वादा नहीं हुआ पूरा

घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया था। इसी के साथ कनिष्ठ सहायक पद पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी और हाथरस शहर में ही एक घर के आवंटन की घोषणा भी की गई थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद परिवार को मुआवजा तो मिला, लेकिन नौकरी और घर का वादा अभी तक पूरा नहीं किया।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

Published

on

Loading

लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

Continue Reading

Trending