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दिल्ली में एक हफ्ते के लिए बढ़ा लॉकडाउन, अब और सख्त होंगे नियम

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नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर घटता हुआ नहीं दिख रहा है। हर रोज 4 लाख से अधिक कोरोना के नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए एक बार फिर एक हफ्ते का लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इसका ऐलान किया। सीएम केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली में जो लॉकडाउन पहले 10 मई को खत्म होना था, अब वो 17 मई की सुबह तक लागू होगा।

केजरीवाल ने ये भी कहा कि इस बार का लॉकडाउन ज्यादा सख्त होगा, ताकि संक्रमण की रफ्तार को काबू में किया जा सके। दिल्ली में सोमवार से मेट्रो सर्विस को भी बंद कर दिया जाएगा।

सीएम ने बताया कि दिल्ली में लॉकडाउन का अच्छा असर देखने को मिल रहा है। 26 अप्रैल के बाद से नए मामलों में धीरे-धीरे कमी भी आने लगी है और पिछले दो-तीन दिन में संक्रमण की दर 35% से घटकर 23% पर आ गई है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का इस्तेमाल हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और संसाधन को मजबूत करने में किया गया।

नए नियम के मुताबिक दिल्ली में सोमवार से मेट्रो नहीं चलेगी। इसके अलावा किसी भी मैरिज हॉल, बैंक्वेट हॉल या होटल में शादी नहीं हो सकेगी। शादी करने पर पाबंदी नहीं है, लेकिन शादी सिर्फ घर या कोर्ट में ही हो सकती है। अभी तक शादियों में 50 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की इजाजत थी, लेकिन अब 20 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। शादी में डीजे, टेंट, कैटरिंग की भी इजाजत नहीं होगी।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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