प्रादेशिक
दिल्ली में फैलने लगा ओमिक्रॉन वैरिएंट, अब तक मिले इतने केस
नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 वेरिएंट ओमिक्रॉन का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 200 से अधिक कोविड-19 रोगियों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से केवल 102 लोग शहर के हैं। उन्होंने कहा, इनमें से 46 फीसदी मामलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों को और मजबूत किया जाएगा या नहीं, यह दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अगली बैठक में तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध या लॉकडाउन का परिणाम उनके लागू होने के सात दिनों के बाद देखा जाता है।
उन्होंने कहा, एक ही दिन में वैश्विक स्तर पर 15 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि, यह तथ्य कि ओमिक्रॉन वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है, यह बड़ी राहत की बात है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एक ही दिन में संक्रमण के 923 मामले सामने आने के बावजूद, एक भी मौत की सूचना नहीं मिली।
बुधवार को, राष्ट्रीय राजधानी ने 923 ताजा कोविड मामलों की सूचना दी। नए मामलों के साथ शहर में संक्रमण की संख्या बढ़कर 14,45,102 हो गई है। शहर में कोविड संक्रमण एक प्रतिशत को पार कर 1.29 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो पिछले सात महीनों में सबसे अधिक है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में, भारत ने 13,154 नए कोविड-19 मामले और 268 मौतें दर्ज की हैं। इस बीच, देश भर में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों की संख्या 961 हो गई है, जिनमें से 320 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। मंत्रालय ने पुष्टि की है कि कुल 22 राज्यों ने नए वेरिएंट का पता लगाने की सूचना दी है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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