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उत्तर प्रदेश

डायल 112 की महिलाकर्मियों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी, दर्ज हो चुकी है FIR; जानें क्या है मांग

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Demonstration of women workers of Dial 112 continues for the fourth day

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लखनऊ। वेतन बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं यूपी की डायल 112 आपातकालीन सेवा की महिला कर्मचारियों का चौथे दिन भी प्रदर्शन जारी है। बुधवार को इनके खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया।

सभी प्रदर्शनकारी महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने हर्षिता कश्यप, पूजा सिंह, रीना शर्मा, मंजू सोनी और शशि पर नामजद तो 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इन पर बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर मार्ग बाधित करने, आपातकालीन सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

डायल 112 की महिला कर्मी (संवाद अधिकारी) वेतन बढ़ाने, सेंटर संचालन का टेंडर पाने वाली नई सेवा प्रदाता कंपनी से नियुक्ति पत्र दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यालय के बाहर सोमवार दोपहर दो बजे से धरना दे रही थीं। रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि शौचालय पर ताला भी लगा दिया।

इसके बाद भी वे पूरी रात डटी रहीं और मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान उन्हें रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प हुई। करीब दो घंटे तक चली धक्कामुक्की और नोकझोंक के बाद पुलिस ने संवाद अधिकारियों को सड़क पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डेन भेज दिया।

पुलिस के बल प्रयोग करने से एक महिलाकर्मी बेहोश हो गई। वहीं, एक गर्भवती की हालत बिगड़ गई, जबकि कई महिलाओं के चोटिल होने का भी आरोप लगा। बुधवार को भी महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी रहा।

क्या है महिला कर्मचारियों की मांग?

महिला कर्मचारियों ने बताया कि सात साल में वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई। वहीं, अब टेक महिंद्रा कंपनी को बदल कर वी विन कंपनी को टेंडर दिया गया है। तीन नवंबर को वी विन कंपनी ने टेकओवर कर लिया, लेकिन अभी तक पुराने कर्मचारियों को आफर लेटर तक नहीं दिया, जबकि नई भर्ती शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि वेतन बढ़ा कर 18 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। नौकरी सुरक्षित किया जाए और धरने को लेकर भविष्य में टारगेट न किया जाए।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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