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उत्तर प्रदेश

देवरिया सामूहिक हत्याकांड: प्रेमचंद और उसके चार साथियों के मकान पर गरजेगा बुलडोजर, हटा आखिरी रोड़ा

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देवरिया। देवरिया सामूहिक हत्याकांड के बाद मृत पूर्व पंचायत सदस्य प्रेम यादव और उसके चार साथियों के मकान पर बुलडोजर चलेगा। शुक्रवार को प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दिया। उधर, तहसीलदार कोर्ट में धारा 67 का केस चलेगा। जुर्माना भी लगाया गया है। लेखपाल ने रिपोर्ट दे दी है। आरोपियों के मकान सरकारी जमीन पर बने हैं।

देवरिया के रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में सामूहिक हत्याकांड में नामजद प्रेम यादव समेत पांच आरोपियों के घर पर शुक्रवार की शाम प्रशासन ने सरकारी जमीन से बेदखली का नोटिस चस्पा करा दिया। नोटिस के माध्यम से आरोपियों पर जुर्माना लगाने के साथ ही जवाब देने के लिए एक दिन यानी शनिवार तक की मोहलत दी गई है।

कहा गया है कि तय अवधि में सरकारी जमीन खाली नहीं की तो प्रशासन का बुलडोजर चल जाएगा। नोटिस चस्पा होने के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। सरकारी जमीन पर मकान बनवाने के मामले में प्रेम यादव पर 31 हजार और चार अन्य आरोपियों पर 39 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि शनिवार तक जमा करनी है।

दरअसल, लेखपाल ने रिपोर्ट दी है कि इन आरोपियों ने सरकारी जमीन पर मकान बनवा लिया है। इसके बाद तहसीलदार कोर्ट में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के पिता समेत पांच आरोपियों के खिलाफ धारा 67 एक के तहत केस चलाया गया। नोटिस चस्पा होने के बाद अब कभी भी इन पांचों मकानों पर बुलडोजर चल सकता है।

लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार, फतेहपुर गांव के अभयपुर टोले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के पिता रामभवन यादव, परमहंस यादव समेत पांच लोगों के मकान सरकारी जमीन पर बने हैं। इसमें वन विभाग और एक इंटर कॉलेज की जमीन शामिल है।

सामूहिक हत्याकांड के बाद बाद जांच में यह जानकारी मिली तो प्रशासन ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। शुक्रवार को सरकारी जमीन से बेदखली की कार्रवाई शुरू होते ही गांव के लोग सकते में आ गए। शाम को तहसील के कर्मचारियों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के पिता रामभवन यादव, परमहंस यादव, गोरख यादव समेत पांच लोगों के मकानों पर नोटिस चस्पा कर दिया।

बुलडोजर की राह से रोड़ा हटा

फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में सामूहिक हत्याकांड में नामजद प्रेम सहित अन्य आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई चार अक्तूबर को ही होनी थी, पर कानूनी पेच के कारण मामला टल गया था। धारा 67 के तहत आरोपियों को नोटिस नहीं दिया गया था। इसके कारण बुलडोजर को लौटना पड़ा। इस प्रक्रिया को अब पूरा कर लिया गया है। अब बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है।

ये है पूरा मामला

बता दें कि देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 02 अक्टूबर सोमवार को सुबह छह बजे जमीन विवाद में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की हत्या कर दी गई। इससे गुस्साए प्रेम यादव के पक्ष के लोग दूसरे पक्ष सत्यप्रकाश दुबे के घर में घुसकर सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी और उसके तीन संतानों को गोली मारकर व धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या कर दी, जबकि एक बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया है।

स्कूली बच्चे परिवार के साथ घरों में कैद

लेड़हा टोला में हुए इस सामूहिक हत्याकांड के आरोपियों की तलाश में पुलिस ने बुधवार की रात कई स्थानों पर ताबड़तोड़ छापे मारे। पुलिस की कार्रवाई से आरोपियों के सगे-संबंधी भी सहमे हुए हैं। गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है।

गांव में हर आने-जाने वाले का रिकॉर्ड पुलिस तैयार कर रही है। वहीं, पुलिस की पहरेदारी से गांव में अन्य ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होने लगी है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।

बृहस्पतिवार को भी गांव के अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं गए। गांव के हर मोड़ पर पुलिस के पहरे और आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलने की कार्रवाई की आशंका से ग्रामीण सहमे हैं। वह किसी बवाल की आशंका को देखते हुए पाल्यों को घरों से बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं। गांव में स्कूल बस भी नहीं पहुंच रही है।

घटना में एक पक्ष के 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों में से पुलिस अब तक 20 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सात नामजद सहित 50 अज्ञात की तलाश तेजी से की जा रही है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के परिजनों से मिलने वालों पर पुलिस की निगाह बनी हुई है। महिलाएं गांव में आने-जाने वाले अधिकारियों की गाड़ी पर टकटकी लगाए देख रही हैं।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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