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उत्तर प्रदेश

देवरिया सामूहिक हत्याकांड: सामने आई नई बात, इस बहाने सुलह करने गया था प्रेम यादव; मारा गया

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Deoria Massacre

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देवरिया। बीते दिनों उप्र के देवरिया जनपद के रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में हुए सामूहिक हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। एक शख्स ने बताया कि प्रेम चंद यादव ट्रैक्टर लोन चुकाने के बहाने सुलह करने का गया था। बुधवार को गांव के एक व्यक्ति ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि घटना वाले दिन की पूरी कहानी बताई।

गांव के एक आदमी की बातों पर यकीन करें तो प्रेम यादव वारदात वाले दिन सत्यप्रकाश दूबे के घर सुलह करने के इरादे से गया था, लेकिन जान गंवा दी। इस बात की जानकारी पुलिस को भी है। पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। व्यक्ति ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि घटना वाले दिन वह सत्यप्रकाश दूबे के घर के पास से गुजर रहा था। उस समय दोनों के बीच बहस होती देख कुछ देर के लिए रुक गया था।

इस आदमी का कहना है कि प्रेम ने बाइक खड़ी करके कहा था कि पंडित जी (सत्यप्रकाश) मुकदमा लड़ने से कोई फायदा नहीं है। यह कई पीढ़ी तक चलेगा। आपको रुपये की जरूरत है। हम रुपये दे देंगे, आप कर्ज चुका दीजिए। सुलह कर लीजिए। इतना सुनते ही सत्यप्रकाश ने प्रेम को झापड़ मार दिया। इसी बीच किसी ने प्रेम के सिर पर भारी वस्तु से वार कर दिया। प्रेम जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। बता दें कि प्रेमचंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की पुष्टि सिर में चोट लगने से हुई बताई गई है।

इस आदमी ने बताया कि सत्यप्रकाश ने लोन पर ट्रैक्टर लिया था, जिसकी तहसील से आरसी कट चुकी थी। कुछ दिन पहले पंचायत भवन पर इस संबंध में नोटिस चस्पा किया गया था। इसकी जानकारी प्रेम यादव को हो गई थी।  उसे लगा था कि लोन के पैसे वह दे देगा तो दूबे उससे सुलह कर लेंगे। शायद यही सोचकर वह उस दिन दूबे के यहां गया था।

बता दें कि प्रेम की मौत की खबर जब गांव में फैली तो उसके बाद उसके पक्ष के लोग आक्रोशित हो गए और सत्यप्रकाश दूबे के घर पर हमला कर दिया। हमले में सत्यप्रकाश दूबे, उनकी पत्नी, दो बेटी और एक बेटे को मार डाला गया। एक बेटे को मरा समझकर छोड़ दिया। उसका इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

इस सम्बन्ध में रुद्रपुर के तहसीलदार के कौंडिल्य ने कहा अगर कोई लोन नहीं जमा करेगा तो आरसी कटेगी ही। मामले की जानकारी जुटाई जा रही है। सत्यप्रकाश दूबे ने ट्रैक्टर के लिए कर्ज लिया था।

अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि पहले सत्यप्रकाश दूबे के दरवाजे पर कहासुनी और मारपीट हुई थी। इसके बाद मामला बिगड़ गया और भीड़ जुट गई। इसी वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई। मामले की जांच की जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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