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उत्तर प्रदेश

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बरेली में विभिन्न निर्माण कार्यों का किया शिलान्यास व लोकार्पण

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Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को सर्किट हाउस स्थित नवनिर्मित सभागार में बरेली मण्डल में संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक की एवं मण्डल के समस्त जनपदों के क्षेत्र पंचायत प्रमुखों तथा खण्ड विकास अधिकारियों के साथ सीधा संवाद किया।

सीधे संवाद में उप मुख्यमंत्री ने मण्डल के जनपदवार ब्लाक प्रमुखों से उनके क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु सुझाव लिये व प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक शुक्रवार को जो ग्राम चौपाल लगती है उसमें ब्लाक प्रमुखगण अपनी सहभागिता रखें, जिससे विकास कार्यों को गति मिले।

उप मुख्यमंत्री ने ब्लाक प्रमुखों तथा खण्ड विकास अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि जैसे स्मार्ट सिटी विकसित हो रही हैं वैसे ही स्मार्ट मॉडल ब्लाक व मॉडल गांव बनाये जायें, इस कार्य में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्राम विकास के लिए पर्याप्त धनराशि दी जा रही है। इस दिशा में सार्थक कदम उठाये जाये, ऐसा यूनिक काम करें कि उसका उदाहरण पूरे देश में दिया जाये।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतें आ रही है कि जल जीवन मिशन के तहत सड़के खोद कर छोड़ दी जा रही हैं। इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि पाईप लाइन डालने के बाद पानी सप्लाई करके चेक करने के उपरांत ही सड़कें पुनः बनायी जायेगी, तब तक की स्थिति में सड़क को आवागमन योग्य कर दिया जायेगा।

यदि कही रोड खोदने के बाद लम्बे समय तक कार्य नहीं होता है तो अधिकारी उस पर संज्ञान लें। उप मुख्यमंत्री ने इस संबंध में समस्त ब्लाक प्रमुख एवं खण्ड विकास अधिकारियों से अपेक्षा की,कि यह सुनिश्चित करें कि जो इस योजना के अर्न्तगत पाइप पड़ रहे हैं ,वह कम से कम जमीन के 1 मीटर अन्दर हों।

उन्होंने कहा कि सभी लोग ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ कार्य करें, जिससे ग्रामों का सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण निरन्तर करते रहें। ग्राम सभाओं को गंदगी से मुक्त बनाने के लिये महीने में कम से कम एक दिन स्वच्छता अभियान चलाया जाये, जिसमें सबकी सहभागिता रहे। प्रदेश सरकार योजनाबद्ध तरीके से गांवों का लगातार कायाकल्प कर रही है।

उन्होंने उपस्थित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि हम जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं ,उस क्षेत्र में पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करें।इससे पूर्व उप मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पादों के लगाये गये स्टॉल्स का भी अवलोकन किया और उत्पादों की गुणवत्ता की प्रशंसा भी की।

उप मुख्यमंत्री द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर दिये गये निर्देश

ग्राम पंचायत के सभी सार्वजनिक स्थानों को हर घर नल जल से जोड़ा जाये। माह में एक बार वरिष्ठ अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की बैठक हो, इसी प्रकार ब्लाकों में भी बैठकें हो, जिनकी कार्यवाही भी जारी हो, जिससे आपसी समन्वय बने व विकास कार्यों को गति मिले।सफाई कर्मियों का नम्बर प्रत्येक सार्वजनिक स्थानों पर अंकित करवाया जाये, जिससे लोग उससे सम्पर्क कर सके।

इसके अतिरिक्त एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाये, जिसमें ब्लाक प्रमुखों, बीडीओ सहित सम्बंधित अधिकारी जोड़े जायें जिससे कोई समस्या हो तो ग्रुप के माध्यम से संज्ञान में आये और उसका निवारण हो सके।अभियान चलवाकर ग्राम पंचायतों की जमीनों पर से अवैध कब्जे हटवाये जायें।

मनरेगा के माध्यम से विलुप्त हो चुकी नदियों व तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य कराया जाये।जो ब्लाक भवन जर्जर हैं उनका चिन्हांकन किया जाये तथा उनके स्थान पर नये भवन बनवाये जायें।क्षेत्र पंचायत की बैठकों में शासनादेश के अनुरूप अधिकारीगण उपस्थित रहे अन्यथा की स्थिति में उनका एक दिन का वेतन काटा जाये।क्षेत्र पंचायतें स्वावलम्बी हो इसके लिये उपयुक्त सुझाव मुझे सीधे ई-मेल किये जायें।

समस्त मुख्य विकास अधिकारी व जिला स्तरीय अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि जनप्रतिनिधियों के साथ संवादहीनता न रहे, समन्वय बना रहे, जिससे बेहतर काम हो सके। उन्होंने कहा कि आज दिये गये निर्देशों के अनुपालन की भी समीक्षा होगी।गौवंशों की समस्या पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि और अधिक संख्या में गौशालाएं निर्मित करवायी जायेगी। इस बात का ध्यान रखा जाये यदि कोई गौवंश लेकर गौशाला में आता है ,तो उसे मना न किया जाये।

चेक एवं प्रमाण पत्रों का वितरण

उप मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सामुदायिक निवेश निधि की 35 करोड़ 99 लाख 20 हजार रूपये का चेक सौंपा।
इसके अतिरिक्त सीसीएल व रिवाल्विंग फंड के भी चेक सौंपे। प्रधानमंत्री आवास योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को आवासों की डेमो चाभियां सौंपी। बी सी सखी, विद्युत सखी व बैंक सखी को प्रमाण पत्र प्रदान किये।

उप मुख्यमंत्री द्वारा किये गये शिलान्यास व लोकार्पण

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग एवं टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से राजकीय आईटीआई फरीदपुर का रुपये 462.20 लाख की लागत से, राजकीय आईटीआई सी0 बी0 गंज रुपये 354.65 लाख की लागत से तथा राजकीय आईटीआई विश्व बैंक (महिला) का रुपये 354.65 लाख की लागत से अपग्रेडेशन कार्य का शिलान्यास किया गया।

जिला उद्यान योजना के अंतर्गत जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के निकट रुपये 100 लाख की लागत से इन्क्यूबेशन सेंटर के निर्माण का शिलान्यास किया गया।क्रिटिकल गैप्स योजना के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज में रुपये 15 लाख की लागत से निर्मित म्यूजियम एवं एनसीसी भवन का लोकार्पण किया गया।

क्रिटिकल गैप्स योजना के अंतर्गत तहसील आंवला के ग्राम मनौना में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में रुपये 22.79 लाख से निर्मित कॉमन एक्टीविटी हॉल का लोकार्पण किया गया।क्रिटिकल गैप्स योजना के अंतर्गत तहसील आंवला के पांचाल नगरीय अहिक्षेत्र को दर्शाते हुए आंवला बरेली मोड़ निकट चौबारी तिराहे का रुपये 25 लाख से निर्मित कार्य का लोकार्पण किया गया।

विकासखंड बिथरी चैनपुर के ग्राम पंचायत फरीद इनायत खां में श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना अंतर्गत रुपये 119.82 लाख लागत से निर्मित बेंत एवं जरी-जरदोजी केंद्र का लोकार्पण किया गया। मनरेगा के अन्तर्गत राजकीय पौधशाला फरीदपुर रुपये 128.53 लाख की लागत से निर्मित हाईटेक नर्सरी/हाईटेक वेजिटेबिल सीडलिंग उत्पादन इकाई (मिनी सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फार वेजिटेबिल) के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ0 अरूण कुमार, सांसद संतोष कुमार गंगवार, महापौर डॉ0 उमेश गौतम, एम0एल0सी0 कुंवर महाराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रश्मि पटेल, विधायक बिथरी चैनपुर राघवेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक बहोरन लाल मौर्य, जिला अध्यक्ष पवन शर्मा, महानगर अध्यक्ष डॉ0 के0एम0 अरोड़ा सहित मण्डल के समस्त ब्लाक प्रमुख, अधिकारियों में संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार, मण्डल के समस्त मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला पंचायत राज अधिकारी, डी सी मनरेगा व खण्ड विकास अधिकारीगण मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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