उत्तर प्रदेश
बहुआयामी एवं दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखकर हो विकास निधि का उपयोग: CM योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नियोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा की और प्रदेश में सेक्टरवार पोटेंशियल को प्रोत्साहित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
● आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हुए नियोजित और समन्वित प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश की वार्षिक आय में सतत बढ़ोतरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद ₹16,45,317 करोड़ थी, जो 2021-22 में लगभग 20% की बढ़ोतरी के साथ ₹19,74,532 करोड़ हो गई है। वहीं, 2022-23 के लिए तैयार अग्रिम अनुमानों के आधार पर राज्य आय ₹21.91 लाख करोड़ से आंकलित हुई है। यह स्थिति संतोषप्रद है। $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के साथ सतत प्रयास जारी रखा जाए।
● बुंदेलखंड और पूर्वांचल में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हमें इन संभावनाओं को एक्सप्लोर करना होगा। विश्वविद्यालयों/तकनीकी संस्थाओं को इस महत्वपूर्ण कार्य से जोड़ें। कहाँ कौन से सेक्टर में प्रयास की आवश्यकता है, किस प्रकार की सहायता दी जानी चाहिए, इन सबका गहन अध्ययन कराया जाए। यह अध्ययन रिपोर्ट नियोजन विभाग में संकलित हों और उपयोगिता अनुसार उन्हें कार्ययोजना में शामिल किया जाए। बुंदेलखंड और पूर्वांचल के विकास के लिए आवंटित निधि का उपयोग बहुआयामी एवं दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार हो।
● आकांक्षात्मक जनपद कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश के सभी चिन्हित जिलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। नीति आयोग द्वारा डैशबोर्ड चैम्पियन्स आफ चेन्ज पर मई 2023 की सूचना के अनुसार समग्र रूप से देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 06 जनपद आये हैं। बलरामपुर (01), सिद्धार्थनगर (02), सोनभद्र (04), चन्दौली (05), फतेहपुर (08) तथा बहराईच (09) वें स्थान पर हैं। इसी प्रकार, स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 05 जनपद आये हैं। इसमें बलरामपुर (03), सिद्धार्थनगर (04),
चन्दौली (05), सोनभद्र (07), एवं श्रावस्ती (08) वें स्थान पर है। शिक्षा विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 05 जनपद आये हैं। बलरामपुर (01), सोनभद्र (07), श्रावस्ती (08), सिद्धार्थनगर (09) एवं चित्रकूट ( 10 ) वें स्थान पर हैं। वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 02 जनपद आये हैं। सिद्धार्थनगर (05) एवं फतेहपुर ( 10 ) वें स्थान पर हैं। कार्यक्रम में अच्छी रैंक प्राप्त होने पर नीति आयोग द्वारा प्रदेश के 08 महत्वाकांक्षी जनपदों को अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन भी प्राप्त हुआ है। यह प्रयास सतत जारी रखा जाए।
● आकांक्षात्मक विकास खंड कार्यक्रम शासन की प्राथमिकता में है। शासन स्तर से हर विकास खंड का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है। मार्च 2022 से मार्च 2023 तक ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में जनपद कुशीनगर का बिशुनपुरा विकास खंड सर्वश्रेष्ठ रहा है। इसी प्रकार, विषयगत क्षेत्र-वार डेल्टा रैंकिंग के अंतर्गत चिकित्सा एवं पोषण में मझगवां (बरेली), शिक्षा में वजीरगंज (बदायूँ), कृषि एवं जल संसाधन में भीटी (अम्बेडकर नगर), वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास में फतेहगंज (बरेली) और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के इंडिकेटर पर सोहांव (बलिया) विकास खंड प्रथम स्थान पर रहा है। ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ विकास खंड को ₹2 करोड़ विषयगत क्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहे विकास खंडों को ₹60-60 लाख का वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा
● आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं। इनके प्रदर्शन/योगदान की मासिक रैंकिंग तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार इनकी ट्रेनिंग भी कराई जाए। इस कार्यक्रम से शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर प्राप्त हो रहा जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक होगा।
● प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी/रोजगार/सेवायोजन से जोड़ने के लागू फैमिली आईडी कार्यक्रम के बारे में आमजन के बीच जागरूकता बढ़ाई जाए। अब तक प्राप्त 98,046 आवेदनों में से 41440 फैमिली आई.डी. निर्गत की जा चुकी है। फैमिली आईडी के आधार पर योजनाओं की मैपिंग कर परिवारों को प्रदान की जा रही योजनाओं को सम्मिलित करते हुये परिवार कल्याण ई-पासबुक जारी करने की तैयारी करें।
● प्रदेश के विकास के संबंध में दीर्घकालिक नियोजन के लिए स्टेट ट्रांसफार्मेशन कमीशन का सृजन किया गया है। कमीशन में सभी महत्वपूर्ण पदों पर योग्य विशेषज्ञों का चयन/नामांकन यथाशीघ्र कर इसे क्रियाशील किया जाए।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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