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उत्तर प्रदेश

देवरिया नरसंहार: देवेश दुबे ने अखिलेश यादव से मिलने से किया इनकार, कहा- सपा सरकार में हुआ उत्पीड़न

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Devesh Dubey of Deoria massacre refused to meet Akhilesh Yadav

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देवरिया। फतेहपुर नरसंहार में मारे गए पीड़ित परिवार के देवेश दुबे ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया है। अब वह अपने गांव फतेहपुर के लेहड़ा टोला नहीं जाएंगे।

रामनाथ देवरिया में एक आवास में ठहरे देवेश ने बताया कि वर्ष 2014 में सपा की सरकार थी उसी वक्त हमारे पिता सत्य प्रकाश दुबे ने सरकार से गुहार लगाई थी कि हमारी भूमि जबरिया दबंग प्रेमचंद यादव द्वारा बैनामा कराया जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। देवेश का आरोप है कि दबंग प्रेमचंद यादव के दबाव में जमीन बैनामा करा दिया गया। उस घटना को भूल नहीं पा रहा।

अखिलेश की सरकार में ही हुआ उत्पीड़न

देवेश ने आरोप लगाया कि यदि अखिलेश यादव की सरकार में बैनामा नहीं हुआ होता तो यह नरसंहार नहीं होता। जब उनकी ही सरकार में मेरे परिवार के साथ उत्पीड़न हुआ तो किस मुंह से मुझसे मिलने के लिए आ रहे हैं। मैं उनसे किसी भी हाल में मिलने के लिए तैयार नहीं हूं।

सपा के लोगों ने मुझसे मिलने का किया प्रयास

देवेश दुबे ने कहा कि सपा के लोग मुझसे मिलने के लिए आए थे उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव आपसे मिलना चाहते हैं लेकिन मैंने साफ-साफ आज निर्णय किया कि अखिलेश यादव से नहीं मिलेंगे क्योंकि उनकी ही सरकार में हम लोगों के साथ ज्यादती हुई थी।

यह हुई थी घटना

गौरतलब है कि दो अक्टूबर को फतेहपुर गांव के लहड़ा टोला में एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। जिसमें सत्य प्रकाश दुबे एवं उनकी पत्नी किरण दुबे के अलावा सलोनी तथा नंदिनी एवं गांधी शामिल थे। इसके अलावा पूर्व जिला पंचायत सदस्य दबंग प्रेमचंद यादव की भी हत्या हुई थी।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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