प्रादेशिक
कारागार मुख्यालय में डीजी जेल आनंद कुमार की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक, कई महत्वपूर्ण विषयों पर की गई चर्चा
लखनऊ। आज कारागार मुख्यालय में डीजी जेल आनंद कुमार की अध्यक्षता में मंडल स्तरीय वरिष्ठ जेल अधिकारियों की एक बैठक हुई. मीटिंग में जेल से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. सर्वप्रथम डीजी जेल ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ बनाये रखने की अपेक्षा की. जेल अधीक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रोन्नति के पश्चात विभाग को कुल 69 डिप्टी जेलर प्राप्त हो गए हैं जिनमें से आवश्यकता अनुरूप 16 डिप्टी जेलरों को नई तैनाती दी जा चुकी है. डिप्टी जेलरों की आवश्यकता की समीक्षा करते हुए जेल अधीक्षकों से डिप्टी जेलर की आवश्यकता की जानकारी की गई और उन्हें आश्वासन दिया गया कि अतिशीघ्र उन जेलों पर डिप्टी जेलरों की तैनाती कर की जाएगी.
नई भर्ती से प्राप्त 3638 जेल वार्डरों की 45 दिन की ट्रेनिंग प्रदेश के पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में कराई जा रही है. जेल अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि इतनी बड़ी संख्या में जेलवार्डरों के प्राप्त होने से जेलों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी. अतः सभी जेल अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि नए जेल वार्डरों को समय से पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में भेज कर उनकी ट्रेनिंग सम्पन्न कराई जाए और जेल की सुरक्षा मजबूत करने में महत्वपूर्ण स्थानों पर उन्हें योजित किया जाए .
डी जी जेल ने बढ़ती हुई सर्दी को देखते हुए बंदियों को सर्दियों से बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए . उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर से सभी जेलों को पर्याप्त कंबल उपलब्ध कराया जा चुका है ,तथापि यदि किसी जेल पर और भी कंबल चाहिए तो तत्काल मुख्यालय को सूचित किया जा सकता है। जेल अधीक्षकों को स्थानीय स्तर से विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से भी बन्दियों हेतु कंबल व गर्म वस्त्र उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रयास किए जाने के निर्देश दिए गए
कोविड की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि वर्तमान में किसी भी जेल पर कोविड संक्रमित बन्दी नहीं हैं. फिर भी यह दृष्टिगत रखते हुए कि देश के अनेक स्थानों पर कोविड के नए वैरीअंट पाए जाने की खबरें आ रही हैं ऐसे में जेलों में बंदियों का टीकाकरण अभियान जारी रखने तथा नए आने वाले शत प्रतिशत बंदियों का टीकाकरण सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए गए. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में भी जेलों में कोई भी शिथिलता न बरती जाए .
बंदियों के इलाज भोजन तथा अन्य व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई जेल अधीक्षकों को यह अवगत कराया गया कि बंदियों के इलाज भोजन व अन्य व्यवस्थाओं हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध है अतः आवश्यकता अनुरूप मुख्यालय को मांग पत्र भेजकर बेहतर व्यवस्थाएं की जाए. जेल अधीक्षकों से यह भी अपेक्षा की गई कि जेलों में सुधार एवं पुनर्वास के नए कार्य सिखाएं जाएं.
जेलों में स्थापित उद्योगों मैं बंदियों द्वारा उत्पादित उत्पाद
कारागार मुख्यालय के बाहर जेल रोड पर नव उद्घाटित आदर्श कृति कियोस्क पर जन सामान्य के विक्रय हेतु उपलब्ध हैं.
सस्ते ,उपयोगी, मज़बूत और टिकाऊ होने के कारण जनता इन्हें हाथों हाथ खरीद रही है जनता की मांग के सापेक्ष पर्याप्त उत्पाद इन कियोस्क पर उपलब्ध कराएं .जिससे अधिक से अधिक बन्दियों को रोजगार प्राप्त होगा उनका पुनर्वासन होगा तथा वे अपराध छोड़कर समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित होने को तत्पर होंगे.मीटिंग में डीआईजी जेल श्री बी पी त्रिपाठी डीआईजी मुख्यालय श्री शैलेंद्र मैत्रेय निदेशक संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान श्री संजीव त्रिपाठी श्री चंद्र भूषण पांडे वित्त नियंत्रक, सभी रेंज के डी आई जी गण, वरिष्ठ अधीक्षक मुख्यालय श्री अंबरीश गौर, श्री संत लाल यादव,श्री आर के मिश्रा, श्री केबी जोशी आदि अधिकारी उपस्थित रहे.
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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