बिजनेस
दिल्ली में शराब पर डिस्काउंट ख़त्म, पुरानी आबकारी नीति के तहत होगी बिक्री
नई दिल्ली। दिल्ली में आज गुरुवार से पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की बिक्री होगी। विभाग का दावा है कि पहले दिन से तीन सौ से अधिक दुकानें खुलेंगी। उधर, बुधवार को नई आबकारी नीति के तहत खोली गई निजी दुकानों की लाइसेंस अवधि खत्म होने के चलते ऑफर के आखिरी दिन दुकानों पर खासी भीड़ उमड़ी।
कुछ ने सुबह ही स्टॉक खत्म कर दिया था वहीं जहां स्टॉक बचे थे वहां लोगों को बंपर ऑफर दिया गया। इस दौरान प्रीमियम ब्रांड दुकानों पर नहीं मिले।
पहले चरण में खुलेंगी 300 से अधिक सरकारी दुकानें
आबकारी विभाग का कहना है कि पहले चरण में जिन तीन सौ से अधिक दुकानों को खोला जा रहा है। उनमें दिल्ली के सभी प्रमुख इलाके कवर हो रहे हैं। कनॉट प्लेस, गांधी नगर, सरोजिनी नगर, महिपालपुर, रोहिणी, मयूर विहार, सरिता विहार, लक्ष्मी नगर समेत अन्य इलाकों में दुकानें खुलेंगी।
सितंबर अंत तक 500 होगी संख्या
- 30 सितंबर तक दिल्ली में 200 अतिरिक्त दुकानें खुलेंगी, जिसके बाद कुल संख्या 500 हो जाएगी।
- 31 दिसंबर तक फिर 200 अतिरिक्त दुकानें खोली जाएंगी।
- तब कुल दुकानों की संख्या 700 हो जाएगी।
- अक्तूबर में प्रीमियम श्रेणी की 12 दुकानें खोली जाएंगी।
MRP पर बिकेगी
दिल्ली में गुरुवार से निर्धारित कीमतों पर शराब की बिक्री होगी, जो ब्रांड के हिसाब से पूरी दिल्ली में एक समान होगी। करीब 380 शराब के ब्रांड आबकारी विभाग में पंजीकृत हैं जिसमें 230 से अधिक विदेशी शराब के ब्रांड हैं।
शराब नीति और खपत
- नई नीति 17 नवंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 तक लागू रही
- प्रति वर्ष शराब की खपत 9 करोड़ लीटर
- प्रति दिन खपत करीब 246575 लीटर
दावे के हिसाब से कम रही कमाई
नई पॉलिसी को लेकर सरकार ने दावा किया था कि सालाना राजस्व करीब 9.50 हजार करोड़ रुपये मिलेगा, जो पहले करीब छह हजार करोड़ रुपये मिलता था।
अब सरकार का कहना है कि तत्कालीन एलजी की ओर से गैरस्वीकृति क्षेत्र में शराब की दुकान न खोले जाने का नियम जोड़े जाने से राजस्व की लक्ष्य के अनुसार प्राप्ति नहीं हुई। क्योंकि 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थी, जिनमें से 468 दुकान ही खुल पाईं।
सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग ने दिसंबर 2021 व मार्च 2022 के बीच 600.63 करोड़, अप्रैल व मई में 528.29 करोड़, जून में 442.40 करोड़ और जुलाई में 421.82 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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