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मुख्य समाचार

IRCTC ने काशी की भव्यता को दिखाने के लिए “दिव्य काशी यात्रा” ट्रेन का पैकेज टूर किया लॉन्च

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वाराणसी। काशी का पौराणिक महत्व पर्यटकों को हमेशा से अपनी ओर आकर्षित करता रहा  है। 2017 के बाद से काशी अपने नए रूप में दिखने लगी है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य स्वरूप को लोग देखना चाहते है। काशी के कायाकल्प के बाद हर कोई काशी के विकास से रूबरू होना चाहता है। वाराणसी में सुविधाओं का विस्तार हुआ है। काशी के विकास मॉडल को देखकर और सैलानियों  की मांग पर इंडियन रेलवे केटरिंग एवं टूरिज़्म कॉर्पोरशन लिमिटेड “दिव्य काशी यात्रा “नाम से  ट्रेन चलाने जा रही है। शुक्रवार को गुजरात सोमनाथ में नए सर्किट हाउस के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री  ने बताया कि एक स्पेशल ट्रेन कल से दिव्य काशी यात्रा के लिए भी दिल्ली से शुरू होने जा रही है।

2014 से वाराणसी में विकास की बयार बहने लगी थी। 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा  की सरकार बनी तो डबल इंजन की सरकार में  विकास की रफ़्तार और तेज पकड़ी। दशकों से पिछड़े पूर्वांचल में पिछले सात सालों में मूल भूत सुविधाएँ समेत अन्य विकास के काम हुए। इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर के सदियों बाद वाराणसी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातनियों के आस्था के केंद्र काशी  विश्वनाथ मंदिर को विस्तार देकर सौंदर्यीकरण और पुनरुद्धार कराया है। जिसका भव्य लोकार्पण पूरी दुनिया ने देखा। यही नहीं हर क्षेत्र में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का कायाकल्प हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच सालों में विकास की नई  गाथा लिख डाली। पर्यटन ,व्यापार ,रोजगार ,एग्रीकल्चर,अस्पताल ,यातायात बिजली,पानी सुरक्षा समेत अन्य कई क्षेत्र में काशी ने विकास के नए-नए कीर्तिमान गढ़े। लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ। बनारस की इसी विकास की गाथा को सुनकर ,देखकर काशी के विकास के मॉडल को देखने के लिए पर्यटक वाराणसी की ओर आकर्षित हो रहे है।

आईआरसीटीसी के पीआरओ आनंद झा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को इस ट्रेन के चलाए जाने के बारे में घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि काशी देखने वाले सैलानियों की मांग पर “दिव्य काशी यात्रा” ट्रेन चलाई जा रही है। जिसका कमर्शियल संचालन दिल्ली से काशी के लिए 22 मार्च से होगा। प्रथम और द्रितीय वातानुकूलित श्रेणी  में कूल 156 सीटे है। 4 रात और 5 दिन का यात्रा पैकेज़ होगा। जिसमें खाना, रहना और वाराणसी के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर घूमना शामिल है। प्रथम श्रेणी कम्फर्ट कैटेगरी  प्रति व्यक्ति 29950 और द्वितीय  श्रेणी  कम्फर्ट कैटेगरी में 24500 किराया होगा।

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उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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