Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

रायबरेली में दिल दहला देने वाली वारदात, डॉक्टर ने आधा घंटे में परिवार को कत्ल कर किया सुसाइड

Published

on

Doctor committed suicide after killing wife and children in Rae Bareli

Loading

रायबरेली। रायबरेली में आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) परिसर स्थित अस्पताल में डीएमओ के पद पर तैनात नेत्र सर्जन डॉ. अरुण सिंह (45) ने पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद खुदकुशी की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बुधवार को खुलासा हुआ कि चिकित्सक ने बड़ी बेरहमी से पत्नी व बच्चों का कत्ल किया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, आधे घंटे के अंदर ही पूरे परिवार का काम तमाम हुआ था। पत्नी को आठ, बेटी को सात, जबकि चार वर्षीय आरव को सिर पर पांच चोटें आई थीं। हत्या से पहले पत्नी, दो बच्चों और चिकित्सक ने कोई नशीला पदार्थ तो नहीं खाया था, इसके लिए चारों का बिसरा सुरक्षित किया गया है। बिसरा जांच के लिए विधिविज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा जाएगा।

आरेडिका में तैनात डॉ. अरुण सिंह का शव मंगलवार को उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला था। उनकी पत्नी अर्चना, बेटी अदीवा (12), आरव (4) के शव बेड पर पड़े मिले थे। जिला मुख्यालय पर डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल ने चारों शवों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई। देर शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई।

पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की मानें तो डॉक्टर की मौत की वजह खुदकुशी आई है, जबकि उसकी पत्नी, दो बच्चों की मौत की वजह सिर में गंभीर चोट लगने से हुई है। पत्नी व बच्चों पर एक के बाद एक धारदार हथियार (हथौड़ा) से हमला किया गया था।

यही वजह है कि पत्नी के सिर में आठ, बेटी के सात, बेटे के सिर पर पांच गहरी चोटें पाई गईं। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर ने पत्नी, दो बच्चों की हत्या करने के बाद स्वयं आत्महत्या की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।

24 घंटे के अंदर हुई दिल दहलाने वाली घटना

बताया जा रहा है कि डॉक्टर और उसकी पत्नी व दो बच्चों की मौत 24 घंटे पहले हुई थी। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि सोमवार को घटना को अंजाम दिया गया। रविवार की रात नौ बजे महिला के परिजनों ने चिकित्सक से बातचीत की थी और उनसे प्रयागराज में होने वाली सगाई कार्यक्रम में भाग लेने की बात कही थी। इसके बाद से चिकित्सक का फोन नहीं उठा था।

किसी को बचने का नहीं मिल पाया मौका

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी हुई है कि चिकित्सक की पत्नी और उसके दो बच्चों को बचने का मौका नहीं था। यह तभी संभव है, जब उन्हें बेहोश किया जाए। बेड पर जो जहां था, वह वहां पड़ा था। ऐसा इसलिए कि जो सीधा लेटा था, वह सीधा ही लेटा था।

यदि पत्नी या फिर बच्चे होश में होते तो वह भागकर बचने और शोरगुल मचाकर लोगों को मदद के लिए बुलाते, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। इससे जाहिर होता है कि मारने से पहले पत्नी और बच्चों को कोई नशीला पदार्थ खिलाया गया था।

सभी पहलुओं की हो रही जांच, हिंसक प्रवृत्ति के थे चिकित्सक

आरेडिका में डॉक्टर और उनकी पत्नी, दो बच्चों की मौत की तहकीकात करने के लिए आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का बारीकी से जांच की। साथ ही पुलिस अफसरों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

मीडिया से बातचीत में आईजी ने कहा कि पुलिस घटना के सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। पता चला है कि डाक्टर कुछ हिंसक प्रवृत्ति के थे। पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है।

 

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

Published

on

Loading

प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

Continue Reading

Trending