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उत्तर प्रदेश

रायबरेली में दिल दहला देने वाली वारदात, डॉक्टर ने आधा घंटे में परिवार को कत्ल कर किया सुसाइड

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Doctor committed suicide after killing wife and children in Rae Bareli

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रायबरेली। रायबरेली में आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) परिसर स्थित अस्पताल में डीएमओ के पद पर तैनात नेत्र सर्जन डॉ. अरुण सिंह (45) ने पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद खुदकुशी की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बुधवार को खुलासा हुआ कि चिकित्सक ने बड़ी बेरहमी से पत्नी व बच्चों का कत्ल किया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, आधे घंटे के अंदर ही पूरे परिवार का काम तमाम हुआ था। पत्नी को आठ, बेटी को सात, जबकि चार वर्षीय आरव को सिर पर पांच चोटें आई थीं। हत्या से पहले पत्नी, दो बच्चों और चिकित्सक ने कोई नशीला पदार्थ तो नहीं खाया था, इसके लिए चारों का बिसरा सुरक्षित किया गया है। बिसरा जांच के लिए विधिविज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा जाएगा।

आरेडिका में तैनात डॉ. अरुण सिंह का शव मंगलवार को उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला था। उनकी पत्नी अर्चना, बेटी अदीवा (12), आरव (4) के शव बेड पर पड़े मिले थे। जिला मुख्यालय पर डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल ने चारों शवों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई। देर शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई।

पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की मानें तो डॉक्टर की मौत की वजह खुदकुशी आई है, जबकि उसकी पत्नी, दो बच्चों की मौत की वजह सिर में गंभीर चोट लगने से हुई है। पत्नी व बच्चों पर एक के बाद एक धारदार हथियार (हथौड़ा) से हमला किया गया था।

यही वजह है कि पत्नी के सिर में आठ, बेटी के सात, बेटे के सिर पर पांच गहरी चोटें पाई गईं। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर ने पत्नी, दो बच्चों की हत्या करने के बाद स्वयं आत्महत्या की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।

24 घंटे के अंदर हुई दिल दहलाने वाली घटना

बताया जा रहा है कि डॉक्टर और उसकी पत्नी व दो बच्चों की मौत 24 घंटे पहले हुई थी। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि सोमवार को घटना को अंजाम दिया गया। रविवार की रात नौ बजे महिला के परिजनों ने चिकित्सक से बातचीत की थी और उनसे प्रयागराज में होने वाली सगाई कार्यक्रम में भाग लेने की बात कही थी। इसके बाद से चिकित्सक का फोन नहीं उठा था।

किसी को बचने का नहीं मिल पाया मौका

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी हुई है कि चिकित्सक की पत्नी और उसके दो बच्चों को बचने का मौका नहीं था। यह तभी संभव है, जब उन्हें बेहोश किया जाए। बेड पर जो जहां था, वह वहां पड़ा था। ऐसा इसलिए कि जो सीधा लेटा था, वह सीधा ही लेटा था।

यदि पत्नी या फिर बच्चे होश में होते तो वह भागकर बचने और शोरगुल मचाकर लोगों को मदद के लिए बुलाते, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। इससे जाहिर होता है कि मारने से पहले पत्नी और बच्चों को कोई नशीला पदार्थ खिलाया गया था।

सभी पहलुओं की हो रही जांच, हिंसक प्रवृत्ति के थे चिकित्सक

आरेडिका में डॉक्टर और उनकी पत्नी, दो बच्चों की मौत की तहकीकात करने के लिए आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का बारीकी से जांच की। साथ ही पुलिस अफसरों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

मीडिया से बातचीत में आईजी ने कहा कि पुलिस घटना के सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। पता चला है कि डाक्टर कुछ हिंसक प्रवृत्ति के थे। पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है।

 

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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