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उत्तर प्रदेश

डॉन ब्रदर्स के एक शूटर सनी सिंह का है आपराधिक इतिहास, 17 मामले हैं दर्ज

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Don Brothers shooter Sunny Singh has criminal history

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हमीरपुर। प्रयागराज में हुई माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में हमीरपुर के सनी सिंह को गिरफ्तार किया गया है। सनी सिंह उन तीन शूटरों में शामिल है, जिसने अतीक और अशरफ पर करीब 14 राउंड फायर कर मौत के घाट उतार दिया।

मीडियाकर्मी के वेश में पहुंचे तीनों शूटरों में सनी सिंह का आपराधिक इतिहास सामने आया है। शूटर सनी सिंह के भाई भी सामने आए हैं। उन्होंने आरोपी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। भाई का कहना है कि सनी सिंह माता-पिता की मौत के बाद ही अपराध की दुनिया में दाखिल हो गया। इसके बाद उसका परिवार से कोई नाता नहीं रहा।

हमीरपुर में रहने वाले सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा कि सनी कोई काम-धंधा नहीं करता था। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।

जानकारी के मुताबिक, सनी सिंह हमीरपुर के कुरारा थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई है। उसके खिलाफ पहले से 17 मामले दर्ज हैं। भाई पिंटू सिंह ने कहा कि वर्षों से सनी घर नहीं आया है। वह माता-पिता की मृत्यु के बाद अपराधी बन गया। अपराध के मामलों के बाद परिवार ने भी उससे संबंध खत्म कर लिए।

पिंटू सिंह ने कहा कि सनी कुछ भी नहीं करता था। उसके खिलाफ पहले से मामले दर्ज हैं। पिंटू ने कहा कि हम तीन भाई थे। एक भाई की मौत पहले ही हो चुकी है। सनी ऐसे ही घूमता रहता था। फालतू के काम करता था। वह बचपन में ही घर से भाग गया था। हम लोग उससे अलग रहते हैं। सनी सिंह का आपराधिक इतिहास सामने आने के बाद अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की दिशा बदलने का अनुमान है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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