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उत्तर प्रदेश

दीपोत्सव पर ऑनलाइन करें दीपदान, घर पहुंचेगा प्रसाद

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अयोध्या। विकास प्राधिकरण द्वारा दीपोत्सव-2024 के अवसर पर एक दीया प्रभु श्री राम के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है। कई वर्षों से छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में सरयू के तट पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है जिसमें समय-समय पर विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य गणमान्य प्रतिभाग करते हैं। इस वर्ष भी 30 अक्टूबर को दीपोत्सव का अयोजन किया जा रहा है। देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस महोत्सव में सम्मलित होने की अभिलाषा रखते हैं। बहुत से श्रद्धालु हैं जो इस महापर्व पर नहीं आ सकते, लेकिन ऑनलाइन माध्यम से दीये का दान कर के दीपों के इस महापर्व में अपना सहयोग प्रदान करना चाहते हैं।

श्रद्धालुओं के ऐसे भक्ति-भाव को ध्यान में रखते हए इस वर्ष भी दीपोत्सव महापर्व के अवसर पर ‘एक दीया राम के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। वहीं, गुरुवार को डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति के निर्देशन में दीपोत्सव के भव्य आयोजन को लेकर 22 समितियां गठित की। साथ ही, राम की पैड़ी समेत घाटों पर मार्किंग के कार्य को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन करेगा प्रसाद का निर्माण

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार पांडेय ने बताया कि इस कार्यक्रम के द्वारा देश-विदेश में बैठे श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से अपने स्वेच्छानुसार राशि दान स्वरुप दे सकेंगे।

देश-विदेश के श्रद्धालु अयोध्या में होने वाले, इस महान दीपोत्सव का हिस्सा बन सकते हैं, जिसके प्रतिफल में उन्हें प्रसाद भी भेजा जायेगा। इस प्रसाद को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा निर्मित किया जाएगा। http://www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad लिंक पर जाकर इच्छुक श्रद्धालु दान कर सकते हैं।

दीपोत्सव के लिए 22 समितियों का हुआ निर्धारण

डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति के निर्देशन में दीपोत्सव के भव्य आयोजन को लेकर 22 समितियां गठित की हैं। इनमें समन्वय समिति में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल अध्यक्ष हैं तथा दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 संत शरण मिश्र, अधिकारीगण सहित 20 सदस्य शामिल है।

इसके अलावा अनुशासन समिति, सुरक्षा समिति, सामग्री वितरण समिति, दीप गणना समिति, भोजन समिति, यातायात समिति, स्वच्छता समिति, फोटोग्राफी व मीडिया समिति, त्वरित कार्यवाही बल समिति, प्राथमिक चिकित्सा समिति, साजसज्जा/रंगोली समिति, पर्यवेक्षक समिति, अग्निशमन समिति, समग्र नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण समिति, कार्यालय समिति, निविदा एवं क्रय समिति, वालंटियर एवं आईकार्ड समिति, इंस्टीटयूशनल कोआर्डिनेशन समिति, प्रशिक्षण समिति, सामग्री प्राप्ति/स्टोरेज/अवशेष समिति एवं घाट चिन्हांकन समिति बनाई गई है। सभी समिति के संयोजकों, सह संयोजकों एवं सदस्यों ने दीपोत्सव को अलौकिक बनाने के लिए युद्धस्तर कार्य तेज कर दिया है।

राम की पैड़ी पर 80 प्रतिशत मार्किंग का काम पूरा

दूसरी ओर, दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 संत शरण मिश्र ने बताया कि गुरूवार को दूसरे दिन घाट चिन्हांकन समिति के संयोजक डाॅ0 रंजन सिंह के देखरेख में राम की पैड़ी के दोनों ओर घाटों पर मार्किंक का कार्य तेजी से शुरू किया गया। इसमें 80 प्रतिशत मार्किग का कार्य पूर्ण कर लिया गया। सरयू के कुल 55 घाटों पर मार्किंग कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है।

इन्हीं चिन्हित स्थलों पर घाट समन्यक घाट प्रभारी की देखरेख में 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित कराने के लिए 28 लाख दीए लगाये जायेंगे।

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उत्तर प्रदेश

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

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लखनऊ |  संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।

बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ

सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।

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