प्रादेशिक
प्रदेश में चल रहे बाढ़ परियाजनाओं की प्रगति रिपोर्ट 3 दिन के अन्दर प्रस्तुत करेंः डॉ महेंद्र सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि हाल में ही नेपाल तथा प्रदेश के कई जनपदों में भारी बरसात के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ की सम्भावना को देखते हुए प्रभावित जनपदों के तटबन्धों एवं बाधों की सुरक्षा हेतु पूरी चैकसी बरती जाए तथा 24 घंटे मानीटरिंग की जाय। उन्होेंने तटबन्धों पर कैम्प स्थापित कर उन पर सहायक अभियन्ता तथा अवर अभियन्ताओं को निगरानी के लिए तैनात किए जाने के निर्देश दिए।
जलशक्ति मंत्री आज सिंचाई एवं जलसंसाधन मुख्यालय के सभागार में बाढ़ से बचाव हेतु अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी तटबन्धों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से होमगार्ड/पी0आर0डी0 के जवानों की तैनाती करें। सभी तटबन्धों पर प्रकाश की व्यवस्था हेतु जनरेटर, हैलोजन एवं तेज लाइट वाली टार्च की व्यवस्था सुनिश्चित कराए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तटबन्धों की नियमित रूप से समीक्षा कर उनको प्रत्येक दशा में सुरक्षित रखें ताकि बाढ़ की विभिषका से बचा जा सके।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि गत् वर्ष मानसून के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतने तथा बाधों पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना एवं कर्मचारियों की लगातार डयूटी लगाये जाने के कारण सभी तटबन्ध सुरक्षित रहे, जिसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने के बावजूद भी बाढ़ से कोई जनधन तथा पशु हानि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की भाॅति भी इस वर्ष सभी अधिकारी एवं अभियन्ता एक्शन मोड में रहते हुए बाढ़ से बचाव के लिए पूरी तैयारी से डटे रहें।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान बाढ़ से तैयारी एवं मरम्मत कार्यों के लिए मई जून में धनराशि आवंटित की जाती थी और निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हो पाते थे। जिसके कारण व्यापक जनधन की हानि होती थी प्रदेश के मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ जी ने जनवरी/फरवरी में ही बाढ़ कार्यो के लिए बजट की धनराशि जारी कर दी थी। जिसके कारण बाढ़ से बचाव की योजनाओं को समय से पूरा कराया जा सका। पूरे प्रदेश में बाढ़ से संवेदनशील जनपदों में निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कराकर पूरा कराया गया है।
डाॅ0 महेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित होने वालों गाँवों की जनता से संवाद स्थापित करके उनको विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों के बारे अवगत कराए। जिससे की जनता का विश्वास बने तथा वे अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने कराए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों के निर्माण को स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रभारी मंत्री तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी निरीक्षण अवश्य कराए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि स्थानीय जिला प्रशासन से सम्नवय कर बाढ़ अथवा जलप्लवान की स्थिति में प्रदेश की जनता को तत्काल राहत पहुचाई जाये। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही अथवा उदासीनता को गम्भीरता से लेते हुए सम्बन्धित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में चल रहे बाढ़ परियाजनाओं की प्रगति रिपोर्ट 3 दिन के अन्दर प्रस्तुत करंे। उन्होंने बलिया एवं गाजीपुर के अधिकारियों को समय से कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित भी किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रहे संचालित बाढ़ परियोजनाओं को अविलम्ब पूर्ण करें। उन्होंने बाढ़ सुरक्षा कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री टी0 वेकेंटेश ने मा0मंत्री जी को प्रदेश में संचालित बाढ़ परियोजनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी तटबन्धों पर पूरी तत्परता के साथ मौजूद रहंे तथा किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने मा0 मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
समीक्षा बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता श्री वी0के0 रंजन, प्रमुख अभियन्ता (परिकल्प एवं नियोजन) श्री ए0के0 सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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