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प्रादेशिक

समय पर होंगे विधानसभा चुनाव, इलेक्शन कमीशन ने किए ये बड़े ऐलान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तीन दिनों तक विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़ी जानकारी साझा की। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने प्रेसवार्ता में बताया कि सभी राजनीतिक दल समय से ही चुनाव कराने के पक्ष में हैं।

उन्होंने कहा कि देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से थर्ड वेव आने की आशंका के बीच सभी पार्टियां तय समय पर ही चुनाव चाहती हैं। उन्होंने बताया कि 5 जनवरी तक आखिरी वोटर लिस्ट आ जाएगी, जिसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

तय समय पर चुनाव होने के आसार

चुनाव आयुक्त के इस बयान के बाद अब यह माना जा रहा है कि सभी राज्यों में चुनाव तय समय पर ही होंगे। सीईसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इलेक्शन कराने का सुझाव दिया है।

इसके अलावा तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सभी पार्टियां रैलियों में भीड़ सीमित रखने पर भी राजी हैं। साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने इलेक्शन कमीशन से 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांगो के लिए घर पर वोट देने की सुविधा की भी मांग की है।

बढ़ेंगे पोलिंग बूथ

कोरोना महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार के विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने बताया कि पोलिंग बूथ पर भीड़ इक्ट्ठा न हो इसके लिए बूथों की संख्या 11,000 तक बढ़ाई जाएगी।

मतदातों की संख्या में हुआ इजाफा

सुशील चंद्रा ने बताया कि पिछली बार के चुनाव की तुलना में इस बार नए वोटरों की संख्या में तीन गुने का इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार महिला वोटरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। पिछले चुनाव में  18-19 साल के युवाओं में प्रति हजार पुरुषों में महिलाओें की संख्या 839 थी जो अब बढ़कर 868 हो गई है।

पांच जनवरी तक वोटर लिस्ट में जुड़ेगे नाम 

चुनाव आयुक्त ने बताया कि पांच जनवरी तक लोगों के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। इसके अलावा नॉमिनेशन के अंतिम दिन तक एक अतिरिक्त लिस्ट भी तैयार की जाएगी ताकि कोई भी वोटर छूट न सके। इसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

मतदान का समय भी बढ़ेगा

कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए आयोग ने इस बार वोटिंग की टाइमिंग को बढ़ाने का फैसला किया है। चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार वोटर्स सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।

 

 

 

 

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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