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उत्तर प्रदेश

शाइन सिटी घोटाले में ED की ताबड़तोड़ कार्रवाई, लखनऊ-दिल्ली समेत 22 ठिकानों पर की छापेमारी

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ED's swift action in Shine City scam

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लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोपी शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा.लि. के खिलाफ कार्रवाई फिर तेज कर दी है। ED ने कंपनी के फरार चल रहे CMD राशिद नसीम समेत अन्य निदेशकों के 22 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की।

800 करोड़ रुपए से ज्यादा का है फर्जीवाड़ा

जांच एजेंसी के द्वारा 800 करोड़ रुपए के इस फर्जीवाड़ा मामले में पिछले कुछ महीनों से लगातार कार्रवाई की जा रही है। जांच एजेंसी ED की लखनऊ ब्रांच के द्वारा इस मामले की तफ्तीश की जा रही है।

128 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है अटैच

दिल्ली के अलावा यूपी के लखनऊ, वाराणसी, हरदोई व इलाहाबाद स्थित इन ठिकानों से ED को कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। ED अब तक कंपनी और उसके निदेशकों की 128.54 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त कर चुकी है।

ED के लखनऊ जोन कार्यालय ने अक्टूबर 2023 में शाइन सिटी की वाराणसी में राजातालाब तहसील क्षेत्र स्थित 10.27 हेक्टेयर जमीन जब्त की थी। यह जमीन वर्ष 2015 में 17.92 करोड़ रुपये की खरीदी गई थी, जिसकी मौजूदा कीमत 100 करोड़ रुपये के करीब है। इससे पूर्व कंपनी के संचालकों की फतेहपुर, रायबरेली, जालौन, गोरखपुर, कानपुर व प्रयागराज स्थित संपत्तियों को जब्त किया गया था।

ईडी ने कंपनी के CMD राशिद नसीम, उसके भाई और MD आसिफ नसीम के अलावा निदेशकों अमिताभ कुमार श्रीवास्तव और मीरा श्रीवास्तव के नाम खरीदी गई संपत्तियों को जब्त किया था। ED को जांच में पता चला कि कंपनी की संपत्तियां यूपी के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल में भी हैं।

लखनऊ के गोमतीनगर समेत प्रदेश के विभिन्न थानों में कंपनी और उसके निदेशकों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों के आधार पर ED ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। थानों में दर्ज मुकदमों की जांच अब प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) कर रही है।

फरार चल रहे कंपनी के CMD राशिद नसीम के भाई और MD आसिफ नसीम को लखनऊ पुलिस ने नवंबर 2021 में प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया था। दोनों भाइयों ने शाइन सिटी समेत दो दर्जन से ज्यादा कंपनियां बना डाली थीं और प्रदेश के विभिन्न शहरों में उसके कार्यालय खोल रखे थे।

इस मामले में पुलिस अब तक विभिन्न निदेशकों, प्रबंधकों व कर्मचारियों समेत 58 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। CMD राशिद नसीम के प्रत्यर्पण के लिए भी कार्रवाई चल रही है।

इसके लिए EOW ने केंद्र सरकार के जरिए UAE की सरकार से संपर्क साधा है और जरूरी कागजात भेजे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सभी जांच एजेंसियों को इस मामले में जांच तेज करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज हुई है।

निवेशकों को दिया था आकर्षक योजनाओं का झांसा

शाइन सिटी के CMD राशिद नसीम, उसके भाई व कंपनी के MD आसिफ नसीम समेत उसके अन्य सहयोगियों ने निवेशकों को आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर उनकी गाढ़ी कमाई लूटी। कंपनी ने यूपी के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर किसानों से सस्ती जमीनें खरीदकर आकर्षक आवासीय योजनाएं बनाईं।

झांसे में आकर लोगों ने कंपनी की विभिन्न योजनाओं में प्लाट बुक कराए लेकिन बाद में उन्हें धोखा दिया। एक अनुमान के मुताबिक यह पूरा घोटाला लगभग आठ हजार करोड़ का है। EOW व ED के अलावा Serious Fraud Investigation Office (SFIO) भी इस मामले में जांच कर रहा है।

उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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