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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार की प्रभावी पैरवी का असर, माफिया अंसारी ब्रदर्स पर भी कसा कानून का शिकंजा

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लखनऊ/गाजीपुर। यूपी में 29 अप्रैल,शनिवार का दिन योगी सरकार द्वारा प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया। उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का पर्याय रहा माफिया अंसारी ब्रदर्स आज सपरिवार सलाखों के पीछे पहुंच गया।

योगी सरकार के सुशासन और माफिया के खिलाफ प्रभावी पैरवी के चलते वर्षों पुराने गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना जबकि उसके भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाते ही अफजाल अंसारी की सांसदी भी चली गई है। योगी सरकार की कोर्ट में प्रभावी पैरवी का ही नतीजा है कि एक के बाद एक प्रदेश के अपराधियों को सजा मिल रही है और प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कमान संभालते ही प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया। इसका परिणाम हम सबके सामने है कि आज प्रदेश माफिया और अपराधियों से पूरी तरह से भय मुक्त हो गया है। मालूम हाे कि योगी सरकार में पहली बार इससे पहले भी माफिया मुख्तार को सजा हो चुकी है।

पिछली सरकारों में किसी किंग की तरह चुनाव जीते थे और खुले आम अत्याचार करते थे

बताते चलें कि मुख्तार का बेटा अब्बास अंसारी पहले ही मनी लांड्रिंग के केस में सलाखों के पीछे है। मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी, छोटा बेटा उमर अंसारी भी कई मामलों में फंसे हुए हैं और इस समय फरार चल रहे हैं जबकि मुख्तार की बहू निखत अंसारी जेल में है। ये वही बड़े माफिया हैं जो पहले की सरकारों में खुलेआम किसी किंग की तरह जीते थे और अपना अत्याचार प्रदेश की जनता पर बेखौफ होकर करते थे।

ये माफिया जब खुलेआम घूमते थे तो लगता था कि ‘कानून की सड़क’ उसकी चौखट तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती है। लोगों के मन मस्तिष्क में एक बोर्ड लग गया था। इनके आगे ‘पुलिस, कोर्ट, कचरी और न्याय जैसे शब्दों की सीमा समाप्त हो जाती थी। लोग माफिया को माननीय का ‘पर्यायवाची’ समझने लगे थे, लेकिन योगी सरकार ने माफिया को उसकी सही जगह बताई।

पहली बार इन माफिया ब्रदर्स के चेहरे पर सरकार और कानून का डर दिखा। देश और प्रदेश की जनता ने यह भी देखा कि अभियोजन और पुलिस का बेहतर समन्वय हो और कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जाए तो बड़े से बड़े अपराधी को अपने गुनाहों का हिसाब देना पड़ता है और उसे उसकी सही जगह यानी जेल जाना ही पड़ता है। यह सजा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए नजीर है।

यह है मामला

गाजीपुर में वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या की गई थी। मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद से अफजाल अंसारी जमानत पर है।

गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के लगभग 15 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। मालूम हो कि पहले इस केस की सुनवाई तो 15 अप्रैल को होनी थी, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश में होने के चलते अगली तिथि 29 अप्रैल नियत की गई थी।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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