पंजाब
पंजाब: कपूरथला में निहंगों और पुलिसकर्मियों के बीच मुठभेड़, एक पुलिस कांस्टेबल की मौत; तीन घायल
कपूरथला। पंजाब के कपूरथला जिले के कसबा सुल्तानपुर लोधी के गुरुद्वारा अकाल बूंगा के संचालन पर निहंग सिखों के एक ग्रुप बाबा बुड्ढा दल मान सिंह गुरुद्वारा साहिब पर कब्जे को खाली कराने को लेकर हुई मुठभेड़ में एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई है जबकि तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
दरअसल, कपूरथला के गुरुद्वारा अकाल बूंगा के संचालन पर निहंग सिखों के एक ग्रुप बाबा बुड्ढा दल मान सिंह ने गुरुद्वारा साहिब पर कब्जा किया हुआ था। पुलिस उस कब्जे को ही खाली कराने के लिए वहां पहुंची थी। इस दौरान निहंगों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई।
मुठभेड़ में दोनो तरफ से फायरिंग हुई। जिसके चलते एक होमगार्ड जवान जसपाल सिंह की मौत गई है और तीन अन्य पुलिसकर्मचारी घायल भी हुए हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विवाद सुलझाने में नाकाम रहा पुलिस प्रशासन
सुल्तानपुर लोधी के एतिहासक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के सामने स्थित निहंगों के गुरुद्वारा अकाल बूंगा के संचालन एवं कब्जे को लेकर निहंग जत्थेबंदियों के दो ग्रुटों में चल रहे विवाद ने गुरुवार तड़कसार खतरनाक रूप अखितायर कर लिया और पुलिस व सिविल प्रशासन इस विवाद को सुलझाने में नाकाम रहा।
ढाई घंटे तक चली निहंगों और पुलिसकर्मियों के बीच फायरिंग
इस दौरान पुलिस द्वारा भारी मात्रा में आसू गैस भी छोड़ी गई, जिसका असर आसपास के घरों पर भी दिखाई दिया। जानकारी अनुसार उक्त विवाद के चलते वीरवार सुबह करीब 4 बजे पुलिस और निहंगों के बीच फायरिंग शुरु हो गई और करीब ढाई तीन घंटे तक फायरिंग जारी रही है।
गुरुद्वारा साहिब के पास छाया सन्नाटा
फायरिंग दौरान घायल पुलिसकर्मियों को सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है, जिनका उपचार चल रहा है। उधर फायरिंग की वजह से पूरे शहर में दहशत का माहोल है। सुल्तानपुर लोधी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, हर तरफ पुलिस मुलाजिम ही दिखाई दे रही है।
जबकि गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व मनाने के लिए एतिहासक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में देश विदेश से आने वाली संगत भी बेहद निराश है। इस समय गुरुद्वारा साहिब और आस पास भी पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ है।
खुफिया तंत्र एवं सीआईडी हुई नाकाम
उक्त मामले में सिविल व पुलिस प्रशासन का फेलयर साबित रहा है। सूत्रों का कहना है कि सारे घटनाक्रम में खुफिया तंत्र एवं सीआईडी का नाकामी नजर आती है। गुरुद्वारा अकाल बुंगा कोई किला नही है बल्कि सड़क की तरफ एक गेट लगा हुआ है लेकिन उसके पिछली तरफ सारा इलाका खाली पड़ा है और खेती वाली जमीन है, इसके बावजूद पुलिस व प्रशासन इस मसले का बातचीत से हल निकालने में पूरी तरह विफल रहा है।
10 निंहग हुए थे गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि गुरुद्वारा श्री अकाल बुंगा पर काबिज होने के बाद बुधवार को बूसोवाल रोड पर डेरा पीर गेब पर कब्जा करते 10 निहंग सिंहों को सुल्तानपुर लोधी पुलिस ने गिरफ्तार किया किया था जिनमें 2020 में हुई इसी तरह की झड़प में दर्ज हुए कत्ल केस में वांछित आरोपी भी शामिल हैं।
निहंग के ग्रुप ने कई सालों से किया हुआ है कब्जा
मंगलवार की झड़प को लेकर थाना सुल्तानपुर लोधी ने केस दर्ज कर लिया था। एसएसपी कपूरथला वत्सला गुप्ता अनुसार कई सालों से गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के सामने बाबा बुड्ढा दल 96 करोड़ी संत बलबीर सिंह का कब्जा चला आ रहा था, जिनकी ओर से अपने दो सेवादारों को गुरुद्वारा अकाल बुंगा में बिठाया हुआ था।
निहंग के ग्रुप ने हथियार के दम पर किया कब्जा
21 नवंबर दिन मंगलवार की सुबह साढ़े आठ बजे बाबा बुड्ढा दल के अलग हुए गुट के मुखी संत बाबा मान सिंह की ओर से अपने 15-20 साथियों के साथ गुरुद्वारा श्री अकाल बुंगा में दाखिल हुए और निरवैर सिंह को रस्सियों से बांध लिया और जगजीत सिंह पर हथियारों से वार किए और इन दोनों का असलहा, मोबाइल व पैसे छीनकर गुरुद्वारा साहिब पर कब्जा कर लिया।
इस पर जगजीत सिंह के बयान पर बाबा मान सिंह और उनके 15-20 साथियों पर थाना सुल्तानपुर लोधी में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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