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Exit Poll 2023: कमलनाथ पर भारी पड़े शिवराज, जानिए बीजेपी सरकार की वापसी के 5 कारण

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Exit Poll 2023

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3 दिंसबर का आएगा विधानसभा का रिजल्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। राज्य के ज्यादातर एग्जिट पोल में फिर से बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया गया है। दो एग्जिट पोल में तो बीजेपी को 150 सीटों से ज्यादा आंकड़े दिखाए गए हैं।

वोटिंग से पहले राज्य में दावा किया जा रहा था कि कांटे की टक्कर है, लेकिन एग्जिट पोल में बीजेपी को बंपर बढ़त मिलती दिख रही है। ऐसे में जानते हैं कि वे कौन से पांच कारण है जिस कारण से शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से कमलनाथ पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं।

न्यूज-24 चाणक्य ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी को 151 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। वहीं, इंडिया टुडे माय एक्सिस ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी को 140 से 162 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है।

आइए जानते हैं कौन से वो पांच कारण हैं जिससे एमपी में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया जा रहा है।

महिला वोटर्स

मप्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस ने महिला वोटर्स पर फोकस किया। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले लाडली बहना योजना की शुरुआत की। इस योजना का पहले से ही गेम चेंजर योजना माना जा रहा था। इस योजना का तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए मिल रहे हैं। महिला वोटर्स ने इस बार वोटिंग भी जमकर की। एग्जिट पोल के रुझान के अनुसार, महिला वोटर्स ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की।

किसान पर फोकस

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए किसानों पर फोकस किया। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदने की घोषणा की। वहीं, कांग्रेस इस मामले में भी बीजेपी से पीछे रह गई।

संगठन की भूमिका

मप्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी का राष्ट्रीय संगठन पूरी तरह से सक्रिय रहा। अमित शाह लगातार बैठकें और मीटिंग करके विधानसभा चुनाव के लिए योजना बनाते रहे। पीएम मोदी ने भी मध्यप्रदेश में खास ध्यान दिया। पीएम मोदी ने एमपी के अलग-अलग इलाकों में 14 रैलियां की। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के सारे नेता एमपी में एक्टिव थे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से केवल कमलनाथ ही सक्रिय दिखाई दिए।

गुटबाजी को खत्म करना

बीजेपी ने रणनीति के तहत राज्य में आचार संहिता लगने से पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। सूची जारी होने के बाद कई सीटों पर विरोध भी सामने आया लेकिन बीजेपी ने वक्त रहते कई सीनियर नेताओं को नामांकन से पहले मना लिया जिसका असर दिखाई दिया। वहीं, कांग्रेस के कई बागी नेता टिकट नहीं मिलने से अलग-अलग पार्टियों या निर्दलीय चुनाव लड़ गए।

चेहरे पर सस्पेंस

बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में चेहरे पर सस्पेंस बनाकर रखा। शिवराज सिंह चौहान के चेहरे को घोषित किए बिना चुनाव लड़ा। वहीं, कांग्रेस ने पूरा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा। विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ ही दिखाई दिए।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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